महामंगलकारी नवकार महामंत्र की आराधना ही अनुष्ठान है

पंच परमेष्ठि भगवन्तो की आराधना से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है – महासती डॉ.कुमुदलताजी

जावरा (निप्र) । शरीर नश्वर है आत्मा अजर अमर है, आत्मा का परमात्मा से मिलन तभी सम्भव है जब हम निस्वार्थ भावना से पुरूषार्थ करें। प्राणी मात्र सेवा ही प्रभु सेवा है।
उक्त विचार आज़ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर चौपाटी पर आयोजित महामंगलकारी नवकार महामंत्र के सामुहिक जाप अनुष्ठान में बड़ी संख्या में उपस्थित धर्मनिष्ठ श्रावक श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए जावरा की माटी में जन्मी जावरा का गौरव प्रखर व्याख्यानी ,अनुष्ठान आराधिका महासती डॉ कुमुदलता जी ने व्यक्त किए।
महासती डॉ. कुमुदलता जी ने कहा कि सांसारिक जीवन में भोतिक चका चोंध की आप धापी में हमारा जीवन कई प्रकार की आदि, व्याधि भ्रान्ति अशान्ति से मन व्याकुल हो जाता है ऐसे में पंच परमेष्ठि भगवन्तो की साधना आराधना से ही मन को शांति मिलती है तथा आत्मा को परमात्मा का एहसास होता है
महासती डॉ. कुमुदलता जी ने कहा की लगभग 16 वर्षों बाद आज हम हमारी इस जन्मभूमि में को नमन कर अपने आपको बहुत गोरान्वित महसूस कर रहे हैं हमारी गुराणी मैय्या मालव सिंहनी महासती कमलाकुंवर जी के हम ऋणी है कि उन्होंने हमें संयम साधना का मार्ग दिखाया तब से हम मानव कल्याण की और लगातार आगे बढ़ रहै है। हमने सम्पूर्ण भारत के छोटे बड़े शहरों में चार्तुमास व विहार के दौरान सैकड़ों अनुष्ठान कर मानव कल्याण की अलख जगाई है।
जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज की अनुगामी अनुष्ठान आराधिका महासती डॉ कुमुदलताजी,स्वरसामग्री स्वरकंठी महासती डॉ महाप्रज्ञजी मा.सा. वास्तुशिल्पी महासती डॉ पदम कीर्ति जी मां. सा. व महासती राजकीर्ति जी मां.सा, की पावन निश्रा में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर उपाश्रय में आयोजित अनुष्ठान में लगभग एक घण्टे तक श्री पार्श्वनाथ भगवान के जाप के बाद वास्तु शिल्प महासती पदम कीर्ति जी के भी प्रेरक प्रवचन हुए तथा डॉ महाप्रज्ञा जी ने अपने मधुर भजनों से उपस्थित श्रावक श्राविकाओं का मन मोह लिया । इस अवसर पर मन्दिर जी की महासती जी ने भी प्रेरक प्रवचन दिये।
श्री महामंगलकारी अनुष्ठान आराधना आयोजन समिति के प्रमुख श्री अभय सुराणा ने स्वागत भाषण व आभार व्यक्त किया।
अनुष्ठान के लाभार्थियों को हुआ सम्मान
अनुष्ठान के लाभार्थी श्रैष्ठि महानुभाव क्रमशः आल इंडिया जैन कांन्फ्रेंस दिल्ली के वरिष्ठ मार्गदर्शक सुजानमल कोचट्टा, समाजसेवी प्रकाश जी बसन्त बोथरा, शान्तिलाल दुग्गड, पुष्पेन्द्र गंगवाल,श्री मन्नालाल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीपाल कोचट्टा, विजय नाहर,शेखर नाहर राजकुमार धोका, मनीष पोखरना अभय सुराणा व एक गुप्त लाभार्थी आदि अनुष्ठान के लाभार्थीयो का शाल ओढ़ाकर व दुपट्टा पहना कर बहुमान नगरपालिका के उपाध्यक्ष सुशील कोचट्टा,कमल नाहटा, रिंगनोद श्री संघ के अध्यक्ष अभय श्रीमाल राष्ट्रीय अनुष्ठान समिति के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री अभय सुराणा ने किया। स्वागत गीत की प्रस्तुति जैन दिवाकर बहु मंडल चौपाटी ने की। साध्वी जी का मंगल प्रवेश नाहटा फार्म हाउस से हुआ जहां विभिन्न समाज के पदाधिकारीयों ने आपकी अगवानी की।
इस अवसर पर इनकी रही उपस्थिती
पारसमल बरडीया, राकेश मेहता संदीप रांका, बसन्ती चपडोद, शैतानमल दुग्गड राजमल धारीवाल अनिल चोपड़ा सुभाष टुकडीया सुशील चपड़ोद पारस ओरा, अजीत रांका मोहनलाल पोखरना, सुजानमल औरा पुखराज भंडारी निलेश सुराणा आदि मौजूद रहे।
अनुष्ठान का समापन अनुष्ठान आराधिका महासती डॉ. कुमुदलता जी की महामंलकारी मांगलिक के बाद गोतम प्रसादी के साथ हुआ ।

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