भगवान के सामने पुजारी बनकर जाना भिखारी बनकर नहीं

इंदौर (राजेश जैन दद्दू ) । भिखारी दो प्रकार के होते हैं एक वह जो मंदिर के बाहर बैठकर मंदिर आने वालों से मांगते हैं और दूसरे वह जो मंदिर में जाकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर मनौती करते हुए मांगते हैं कि है भगवान! मेरा फला फला काम कर दो अथवा मेरी इच्छा पूरी कर दो लेकिन जैन आगम कहता है कि भगवान ना कुछ लेते हैं ना किसी को कुछ देते हैं।
यह उदगार आज दिगंबर जैन तीर्थ स्वरूप आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर मे विदुशी आर्यिका माता विजिज्ञाश्री ने प्रवचन देते हुए व्यक्त किए।
माताजी ने कहा कि वर्तमान में जो कुछ तुम्हें मिला है या मिलेगा वह सब तुम्हारे पुण्य से और तुम्हारे अंतराय कर्म के क्षय होने से मिला है और मिलेगा, इसलिए मंदिर में भगवान के पास जब भी जाओ पुजारी बनकर भगवान की श्रद्धा एवं भक्ति भाव से पूजा करने के लिए जाना कुछ मांगने के लिए भिखारी बनकर मत जाना। श्रद्धा पूर्वक भगवान की भक्ति करने से पुण्य का बंध होगा और पुण्य बंध से तुम्हें बिना मांगे ही वह सब कुछ मिल जाएगा जो तुम भगवान से मांगना चाहते हो। धर्म सभा का संचालन डॉक्टर जैनेंद्र जैन ने किया।
धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि माता जी के प्रवचन आदिनाथ जिनालय में प्रतिदिन प्रातः 8: 30से बजे हो रहे हैं।

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