खुशियों की दास्तां : पूनम बैंक सखी के रूप में काम कर बनी लखपति दीदी

आर्थिक रूप से सशक्त होकर क्षेत्र में बनाई अपनी पहचान

रतलाम 27 मई 2025। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आजीविका परियोजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम करने के साथ ही लखपति बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्ही महिलाओं में शामिल है रतलाम जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड बाजना के सिंगत गाँव के निर्धन परिवार में जन्मी लखपति दीदी पूनम झोड़िया। पूनम ने बताया कि आजीविका परियोजना के समूह से जुडने के पहले उनका परिवार टूटी-फूटी झोंपडियों में रहकर दिन व्यतीत कर रहा था। एक समय ऐसा भी था कि पक्का घर और अन्य सुख सुविधाएं तो हमारे लिए सपना ही था। परिवार के सभी लोग मजदूरी करके गुजारा करते थे। स्व सहायता समूह से जुडने के बाद मैं बैंक सखी के रूप में कार्य करते हुए अब क्षे़त्र में लखपति दीदी के रूप में पहचान बना चुकी हूं। अब मेरे परिवार की न्यूनतम आय लगभग 02 लाख रूपये प्रति वर्ष हो गई।
पूनम झोडिया ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि गरीबी से झुझते हुए एक दिन उन्हें मध्यप्रदेश शासन के आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूह के माध्यम से ऋण मिलने की जानकारी प्राप्त हुई। जानकारी मिलते ही वे चिकनी गाँव में जय सांवरीया सैठ आजीविका स्व-सहायता समूह से जुड़ गई। पहली बार 25000 रूपये समूह से ऋण लिया, उसे चुकाने के बाद 19 हजार रूपये का ऋण लिया, इस राशि से गाँव में बैंक बीसी पॉईंट खोलने के लिए दुकान किराये से ली, साथ ही लेपटॉप प्रिन्टर खरीदने के लिए समूह से ऋण लिया और कुछ पैसे अपने पास से मिलाकर बैंक बीसी पॉईंट की दुकान खोली। समूह के माध्यम से बैंक कार्य करने का प्रशिक्षण प्राप्त किया एवं सी.आर.पी. का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। उसके बाद पूरी कार्य कुशलता एवं मेहनत से कार्य करने पर आज परिवार की सालाना आय 2 लाख रूपए हो गई हैं। आजीविका सुदृढ़ होने से जीवन सुखी हुआ है। पूनम ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए लागू की गई योजनाओं की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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