बाल संरक्षण मुद्दो पर जोखिम भरे क्षेत्रो के अंतर्गत ग्राम पोखरनी में फोकस ग्रुप डिसकसन का हुआ आयोजन

हरदा | संचालनालय महिला एवं बाल विकास भोपाल के निर्देश अनुसार जरूरतमंद बच्चों के सर्वे के बाद आज 08 जून 2021 को बाल संरक्षण मुद्दो पर जोखिम भरे क्षेत्रो के अंतर्गत विकासखंड खिरकिया के ग्राम पोखरनी में फोकस ग्रुप डिसकसन के अंतर्गत चर्चा की गई। जिसमें समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत गठित ग्राम पंचायत समिति के अध्यक्ष/सदस्य, जनपद सदस्य श्रीमति अनार बाई भैसारे, संरपंच श्रीमति विद्या बाई, ग्राम पंच श्रीमति कृष्णा बाई, श्रीमति क्षमा बाई, पटवारी रंजना मंडलोई, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास खिरकिया श्रीमति वंदनवाला सिंह संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमति सरिता सरयाम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरस्वती लौंगरे, मंजुलता बैरागी एवं अन्य ग्रामीण जन उपस्थित रहें। उपस्थित लोगो को जरूरतमंद बच्चों को बाल संरक्षण अंतर्गत फॉस्‍टर केयर योजना, स्‍पॉंसरशिप योजना, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्‍पॉंसरशिप योजना का उद्देश्य बच्चों को उनके जैविक परिवार से अलग होने से रोकना है, उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई हो या माता-पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हो तो ऐसे जरूरतमंद बच्चों को बाल कल्याण समिति द्वारा उपयुक्त संरक्षक / फिट पर्सन उनके मामा / चाचा / नाना / दादा / दादी / बुआ आदि को घोषित करने के उपरांत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा दो हजार रूपये प्रतिमाह उनके सीधे बैंक खाते में उपलब्ध कराये जायेंगे।
फॉस्‍टर केयर एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें बालको को घर जैसे पारिवारिक माहौल में वैकल्पिक देखभाल के उद्देश्य से, जिन बच्चो के कोई संरक्षक नही है, उन्हें असंबंधित / अरक्त परिवारो के सदस्यो के साथ देखभाल और संरक्षण हेतु आवश्यकता अनुसार रखा जाता है, ऐसे बच्चो को जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा दो हजार रूपये प्रतिमाह उनके सीधे बैंक खाते में उपलब्ध कराये जायेंगे।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की आकस्मिक मृत्यु कोविड-19 से हो गई हो या ऐसी मृत्यु से है, जो 01 मार्च 2021 से 30 जून 2021 के बीच हुई हो ऐसे पात्र बच्चों को शासन द्वारा पॉंच हजार रूपये प्रति माह सीधे उनके बैंक खाते में दिए जायेंगे व योजना अंतर्गत शिक्षा व खाद्य सामग्री का भी प्रावधान है।
जोखिम वाले क्षेत्रो का मानचित्रण बच्चों के सामने आने वाले खतरो एवं चुनौतियों का आकलन करने की एक व्यवस्थित प्रक्रिया है जो जिला स्तर पर सशक्त बाल संरक्षण योजनाओं की तैयारी की सुविधा प्रदान करता है और अन्य निकायों और संस्थानों के साथ समन्वय को मजबूत करता है जो हर बच्चें की सहायता करता है।
शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की समझाईश उनके घर वालो को दी गई, स्थानीय ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के सहयोंग से जरूरतमंद बच्चों की सूची बनाई गई जिसे जिला बाल संरक्षण इकाई हरदा को प्रेषित की गई।