सैलाना के एक सौ साल के इतिहास में पहली बार युवा मुमुक्षु पाहूल बाफना संयम जीवन अंगीकार करेंगे

अयोध्यापुरम तीर्थ में आचार्य श्री बन्धु त्रिपुटी की निश्रा में 1 जुलाई को होगी जैन दीक्षा

रतलाम। आगमोउद्धारक पूज्य आनंदसागर जी म.सा. द्वारा सैलाना नरेश महाराजा दिलीप सिंह को आत्म प्रतिबोध शताब्दी महोत्सव अवसरे एक अद्भुत संयोग बनने जा रहा है, एक शताब्दी के सैलाना के इतिहास में पहली बार स्थानीय युवा मुमुक्षु के रूप में पाहूल श्रेणिक बाफना पूज्य आचार्य बन्धु बेलड़ी से अयोध्यापुरम तीर्थ (गुजरात) में जैन दीक्षा 1 जुलाई 21 को ग्रहण करेंगे। सैलाना निवासी 20 साल के पाहूल बाफना को हाल ही में आचार्यद्वय श्री जिनचन्द्रसागर सूरीश्वरजी म.सा.एवं श्री हेमचन्द्रसागर सूरीश्वरजी म.सा. ने उत्सवी वातावरण में अयोध्यापुरम तीर्थ में दीक्षा मुहूर्त प्रदान किया। पाहूल ने विगत वर्ष सैलाना में आचार्य बन्धु बेलड़ी के शिष्यरत्न की निश्रा में चातुर्मास की आराधना की थी, जिसके बाद से ही उनके मन संयम जीवन के भाव जागे। पिछले डेढ़ वर्ष से पाहूल आचार्य बन्धु बेलड़ी की निश्रा में संयम जीवन के पथ पर चलने का अभ्यास कर रहे है।
उनके मन में संयम जीवनपूर्वक जिनशासन की सेवा के भाव को देखते हुए आचार्य बन्धु बेलड़ी ने उन्हें संयम जीवन अंगीकार करने के लिए 1 जुलाई 21 को दीक्षा मुहूर्त प्रदान किया। उनकी दीक्षा बन्धु त्रिपुटी आचार्य श्री अशोकचन्द्रसागर
सूरीश्वरजी म.सा. की गौरवशाली निश्रा में प्रसिद्ध जैन तीर्थ अयोध्यापुरम (गुजरात) में होगी। इस अवसर पर डॉ.रश्मिकांत भाई शाह, बाल मुमुक्षु ऋषभ एवं रैवत शाह सुरत भी दीक्षा ग्रहण करेंगे।
उल्लेखनीय है, रतलाम जिले के सैलाना में सागर समुदाय के आगमोउद्धारक पूज्य
आनंदसागर जी म.सा. द्वारा सैलाना नरेश को आत्म प्रतिबोध करवाया गया था। जिसका शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सैलाना के इतिहास में विगत एक सौ वर्ष में पहली बार पिछले साल का पहली बार आचार्य बन्धु बेलड़ी के शिष्यरत्न साधु भगवंत का सर्वमंगल चातुर्मास सौल्लास सम्पन्न हुआ था। इसी सर्वमंगल चातुर्मास की सुखद परिणिति स्वरूप सैलाना के विगत एक सौ वर्ष के इतिहास में पहली बार युवा मुमुक्षु के रूप में पाहूल दीक्षा लेने जा रहे है। पाहूल की प्रारम्भिक शिक्षा सैलाना-रतलाम में हुई है। उनके पिता व्यवसायी श्रेणिक बाफना बताते है कि हमारे परिवार में पहली बार कोई संयम पथ पर चलने जा रहा है।
मालवा की भूमि के रत्न युवा मुमुक्षु पाहूल संयम जीवन अंगीकार करने जा रहे
है। सागर समुदाय के लिए यह गौरव का क्षण है कि सैलाना के सौ वर्ष के इतिहास में पहली बार कोई युवक दीक्षा ग्रहण करेगा।

  • पूज्य आचार्य बन्धु बेलड़ी
    विश्ववन्दनीय जिनशासन की सेवा का मुझे सौभाग्य मिलना न केवल मेरे लिए बल्कि मेरे सैलाना का भी अहोभाग्य होगा। आचार्य भगवंत बन्धु बेलड़ी की प्रेरणा से उनकी निश्रा में ही मै अब विरति धर्म का पथिक बनने जा रहा हूँ।
  • पाहूल श्रेणिक बाफना