राजकोट पारसनाथ पावन धाम 18 जुलाई 2021 । वर्चस्व की लड़ाई में अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए संघ और समाज की बर्बादी पर उतर आने वाला हिंसा का दोषी और पापी है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने पारस धाम पर संबोधित करते कहा कि जब तक समर्पण की भावना नही आते तब तक धार्मिकता में प्रवेश नहीं होता।
उन्होंने कहा कि संघ और समाज के अस्तित्व में ही हमारा अस्तित्व सुरक्षित है इसकी रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर के भाव होने चाहिए।
मुनि कमलेश ने कहा की आचार्यों ने भी संघ को सर्वोपरि माना है इसको बनाए रखने में और विकास के लिए कितनी ही कुर्बानी है दी गई है ।
राष्ट्रसंत में स्पष्ट कहां की हम सब का परम कर्तव्य है पद प्रतिष्ठा और अहंकार से दूर होकर माली बनकर संघ के विकास में योगदान दें यह हमारा प्रथम कर्तव्य होना चाहिए।
जैन संत ने बताया कि खुद को बनाने के लिए संघ को मिटाना शैतान का काम है और स्वयं मिटकर संघ की रक्षा करना तीर्थंकर गोत्र का उपार्जन करने के समान है।
मनहर प्लॉट सेठ जैन उपाश्रय के चेयरमैन सीएम सेठ प्रमुख डॉलर भाई महिला मंडल युवा संघ सभी ने मिलकर मुनि कमलेश के सानिध्य में 20 जुलाई के चातुर्मास प्रवेश सदर जैन उपाश्रय से प्रातः 9:00 बजे कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सादगी पूर्वक प्रवेश का निर्णय लिया गया है।