हमारा लक्ष्य इंसान ही नहीं प्राणी मात्र के लिए समान भाव से समर्पित होने का हो-राष्ट्र संत कमलमुनि

राजकोट सागर जैन उपाश्रय 19 जुलाई 2021 । अपने द्वारा किए गए निस्वार्थ भाव से धर्म और देश के लिए कार्यों को देख कर देखने वाली आत्मा के मुंह चाहता निकल पड़े धन्य है धन्य है इसी का नाम प्रभावना है । उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने चातुर्मास प्रवेश पूर्व संध्या बेला पर संबोधित करते कहा कि हमारा लक्ष्य इंसान ही नहीं प्राणी मात्र के लिए समान भाव से समर्पित होने का हो।
मुनि कमलेश ने बताया कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सावधानी बरतें पूरा विश्व चिंतित है संत समाज की अनमोल धरोहर है उनकी सुरक्षा पर पूरा ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि चातुर्मास प्रवेश और भारी जनता और होने वाले प्रोग्राम के वीडियो फोटो मीडिया पर वायरल ना करें पोस्ट में सरकारी गाइडलाइन तक खुल्लम खुल्ला उल्लंघन हो रहा है अभी एक स्थान पर डेढ़ लाख का जुर्माना प्रशासन ने लगाया । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि संयम और मर्यादा की बात करने वाले ही उल्लंघन करेंगे तो प्रशासन सरकार में हमारी छवि क्या बनेगी ।
जैन संत ने बताया कि अभी भी कोविड-19 अभी समाप्त नहीं हुआ है प्रतिदिन मोत और रोग शिकार हो रहे हैं और लगता है बेखबर है । अंत में कहा कि चातुर्मास में तप त्याग और साधना सिखों की तरह सेवा मैं समर्पित हो यही सच्ची प्रभावना होगी मुनि कमलेश ने बड़े समारोह न करने की घोषणा की ।