जावरा (अभय सुराणा ) । ओजस्वी वक्ता दिवाकर ज्योति वाणी भूषण प.पु. श्री जय श्री मा.सा. ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए धर्म की विशेषता बताते हुए कहां की वस्तु सहवो धम्मों वस्तु का स्वभाव वही धर्म है संसार में हर वस्तु का अपना एक स्वभाव है लेकिन इस संसार में आदमी ही ऐसा व्यक्ति है जिसके अलग-अलग स्वभाव है वह कभी कड़वास से जीता है, कभी मिठास में जीता है, कभी गर्म तो कभी ठंडा हो जाता है लेकिन परमात्मा ने कहा कि आदमी को अपनी सही स्वभाव में जीना चाहिए उन्होंने धर्म की विशेषता बताते हुए कहा कि व्यक्ति बचपन से लेकर बूढ़ा हो जाता है वह हर चीज से जुड़ता है हर कार्य को करता है लेकिन धर्म में जुड़ने में विलंब कर देता है धर्म से जुड़ने में लेट हो जाता है साध्वी राज श्री जी ने कहा कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति सुख चाहता है सभी की इच्छा सुख को पाने की हे लेकिन हमारी राह गलत है रास्ता गलत है आदमी वहां कुआ खोद रहा जहा कभी पानी मिलने वाला नहीं है सुख ज्ञान दर्शन चरित्र की आराधना से मिलेगा। जैन दिवाकर बालिका मंडल ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया।उपरोक्त जानकारी देते हुए श्रीसंघ अध्यक्ष इंदरमल टुकडिया एंव महामंत्री कनकमल चौरडिया ने बताया कि आने वाली 27 जुलाई को गुरुणीसा श्री जयश्री जी महाराज साहब के जन्म दिवस के उपलक्ष में दो-दो सामायिक के साथ सामुहिक एकासन का आयोजन सोमवारिया स्थित सागर साधना भवन पर प्रात:11:30 बजे होगा। एकासन का लाभ श्रीमति मांगीबाई जी समरथमल जी संजय जी विकास जी भंडारी ने लिया है। अधिक से अधिक एकासन करने की अपील श्री संघ के पदाधिकारियों ने की है संचालन कोषाध्यक्ष महावीर छाजेड़ ने किया।