रतलाम । राष्ट्रसंत कमकमुनि कमलेश म.सा. ने गत दिवस गरीब पिछड़ी बस्ती ईश्वर नगर, रामरहिम नगर स्थित रणजीत हनुमान मंदिर के पास जैन दिवाकरीय कमलमुनि कमलेश विद्यालय का निरीक्षण किया है। वहीं राष्ट्रसंत ने भवन का अवलोकन करते हुए विद्यालय संचालन सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष मोतीलाल बाफना ने गुरूदेव को बतायाकि इस स्कूल में गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चे अध्ययन करते है और उनसे फीस भी अन्य स्कूलों से काफी कम मात्रा में संचालन व्यवस्था के अन्तर्गत ली जाती है । उक्त विद्यालय में नर्सरी से ५ वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों तक की प्रारंभिक पढ़ाई कराई जाती है। संस्था का उद्देश्य है कि आर्थिक लाभ प्राप्त ना करते हुए सेवा कार्य की दृष्टि से विद्यालय का संचालन करना । हम प्रतिवर्ष बच्चों को सहयोगियों के माध्यम से कभी स्कूल ड्रेस तो कभी स्वेटर व कुछ बच्चों की जो फीस देने में असमर्थ है उन्हें हम नि:शुल्क शिक्षा देते है। यहां के बच्चे अच्छी तरह से अध्ययन कर आगे भारत और रतलाम शहर का नाम गौरवान्वित करें। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें शिक्षा दी जाती है। इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष निलेश बाफना, सचिव सुरेन्द्र भटेवरा, कोषाध्यक्ष पंकज बाफना आदि सदस्य सहित स्कूल प्रबंधक श्रीमती सरिता राठौड़, प्राचार्य राजेन्द्रकुंवर राठौड़ , अध्यापक विनोद वर्मा सहित स्कूल स्टॉफ उपस्थित था । इस अवसर पर राष्ट्रसंत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम सब को भारत के संविधान के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए यह संविधान किसी धर्म, मजहब के खिलाफ नहीं है। भारत का संविधान भारतीय नागरिक को चाहे वह हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, जैन धर्म को मानने वाला हो या फिर किसी और अन्य धर्म को मानने वाला हो उसे देश से निकालने की परमिशन नहीं देता है। अनेकता में एकता यही भारत देश की विशेषता है। हम गौमाताओं की सेवा कर पुण्य के भागी बन सकते है। इस मौके पर गुरूदेव द्वारा स्कूल में अध्ययनरत बच्चों से भी चर्चा कर उन्हें विद्यालय में शिक्षक और घर पर माता-पिता और अपनों से बढ़ों का सदैव सम्मान करने की प्रेरणा दी। इस मौके पर पर गुरूदेव द्वारा बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया । संस्था सचिव सुरेन्द्र भटेवरा ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरूदेव के स्कूल पधारने पर उपस्थित सदस्यों की ओर से आभार व्यक्त किया गया। उक्त जानकारी सहसचिव अर्पित बाफना ने देते हुए बताया कि ७ फरवरी को रतलाम में दीक्षा सम्पन्न होने के पश्चात गुरूदेव रतलाम से जोधपुर चातुर्मास हेतु विहार करेंगे ।