खुदा के पास में तो हमारी पवित्र भावना पहुंचती है निस्वार्थ बंदगी ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए- राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जावरा (अभय सुराणा)। रमजान के पवित्र महीने पर देवबंद दारुल उलूम की ओर से मुस्लिम बंधुओं को नमाज आदि धार्मिक कार्यक्रम अपने घरों में रहकर करने का फतवा जारी किया । उसका सम्मान करते हुए राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने कहां की साधना उपासना अमन चैन शांति के लिए होती है विश्व कल्याण के मंगल भावनाओं को लेकर शुरू होती है उन्होंने कहा कि साधना करते समय पास में कोई बीमार है उसको पीड़ा हो रही है उसको शांति पहुंचाने के लिए मन मन में भक्ति कर लेंगे तो भी खुदा स्वीकार कर लेगा और उसकी पीड़ा को अनदेखा करके तकलीफ देते रहे तो धर्म भी पाप में बदल जाएगा । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि खुदा के पास में तो हमारी पवित्र भावना पहुंचती है निस्वार्थ बंदगी ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए मुनि कमलेश में रमजान के महीने में खुदा के बंदों की बंदगी करने के लिए आव्हान करते हुए कहा कि ऐसे बंदो से खुदा खुश होता है मोहब्बत और प्रेम का पैगाम प्राणी मात्र के लिए पहुंचाएं । जैन संत ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से पुरा विश्व मुक्त हो यह दुआएं अपने और पराए के भेद से ऊपर उठकर प्राणी मात्र के लिए करें । क्योंकि सभी उस खुदा की ही संतान है । सरकार के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें हमारी सेवा में लगे डॉक्टर पुलिस कर्मचारी सबको सलाम करें राष्ट्रीय मुस्लिम अहिंसा मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अख्तर भाई रावल खान ने कहा कि नफरत करने वाले से भी मोहब्बत करें खून का कपड़ा खून से साफ नहीं होता भाई से नफरत को नफरत से कभी समाप्त नहीं किया जा सकता। उक्त जानकारी अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अभय सुराणा ने दी।