रतलाम । प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेदिक, एलोपैथिक व होम्योपैथिक के साथ मानव जीवन को निरोगी स्वस्थ्य बनाकर रख सकते है यह वर्तमान समय की उपयोगिता है जो जीवन में संयम अत्यंत आवश्यक है । यही मानव जीवन को स्वस्थ रखने का मूल मंत्र है। व्यक्ति को हमेशा जीवन में संयम और समय की उपादेयता रखना इसलिए जरूरी है कि समय ही हमें स्वस्थ रखने में सहायक होता है। उक्त विचार सांई बाबा मंदिर योग साधना केन्द्र शास्त्री नगर पर आयोजित बसंत उत्सव २०२२ के अतिथि उदबोधन में नगर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं प्राकृतिक योग चिकित्सक अनोखीलाल कटारिया ने योगधाम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम में योगधाम के मिश्रीलाल सोलंकी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी एवं स्वागत भाषण किया।
इस अवसर श्री सिद्ध योग साधना केन्द्र के संचालक योग गुरू डॉ. प्रदीप कोठारी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि मनुष्य को योग को अपनाकर निरोग रहना हमारी वर्तमान आवश्यकता है जिसे अपनाना चाहिए । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. डी.के.शर्मा ने कहाकि बसंत हमें प्राकृतिक वातावरण से साक्षात्कार कराता है ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती एवं सांई बाबा के चित्रपर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया । इसके पश्चात नगर के गीतकार रामचन्द्र अम्बर ने निराला के गीत वरदे वीणा वादिनी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर योगधाम की डायरेक्टर श्रीमती इंदु सिन्हा ने वर्तमान समय में अन्न की अनुपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए रचना प्रस्तुत की एवं बसंत की उपयोगिता को रेखाकिंत किया। नगर के गीतकार हरीशंकर भटनागर ने गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि गांव भी आज बड़ा सुंदर है। गांव के चित्रण में बसंत की प्राकृतिक छटा को स्थापित किया है। कहीं पर आम के वृक्षों के लटालूम तो कहीं कोयल की कुंहु-कुहु रेखाकिंत की । लक्ष्मण पाठक ने बसंत पर रचना प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत रतन जोशी, हेमंत मेहता, विकास चौपड़ा, रामस्वामी बैरागी, भंवरलाल चपड़ौद, प्रमोद राघव आदि ने किया । इस अवसर पर नगर के कई योग साधक, प्रबुद्धवर्ग एवं साहित्यकार आदि उपस्थित थे । इस अवसर प्रो. डी.के.शर्मा का जन्मदिवस भी मनाया गया । अंत में आभार डॉ. प्रकाश चौपड़ा द्वारा व्यक्त किया गया।