यकीन मानिए कलेक्टर की संवेदनशील कार्यशैली से न केवल जनजाति समाज की गर्भवती महिलाएं स्वस्थ एवं सुरक्षित रहेंगी बल्कि उनके शिशु भी स्वस्थ रहेंगे

आदिवासी गर्भवती महिलाओं के लिए परीक्षण शिविरों का सिलसिला, सैलाना में आयोजित हुआ शिविर

रतलाम कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा जिले के सैलाना, बाजना आदिवासी क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित मातृत्व अभियान का बीड़ा उठाया गया है । निश्चित रूप से अभियान की सार्थकता जल्दी ही नजर आएगी। कलेक्टर की पहल पर सैलाना तथा बाजना क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं के लिए परीक्षण शिविरों का सिलसिला लगातार जारी है । बुधवार को सैलाना में शिविर आयोजित किया गया जहां 342 महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया । कलेक्टर की इस संवेदनशील पहल से न केवल आदिवासी समाज की गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व मिलेगा, वे स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगी बल्कि उनके शिशु भी स्वस्थ रहेंगे। आयुष्मति प्रोजेक्ट के तहत इस अभियान में वनवासी कल्याण परिषद भी सहभागी बनी है। परिषद से जुड़े डॉ. उदय यार्दे तथा पूर्व महापौर श्रीमती सुनीता यार्दे प्रत्येक शिविर में अपने कार्यकर्ताओं एवं चिकित्सकों के साथ योगदान दे रहे हैं।
कलेक्टर ने गर्भवती आदिवासी महिलाओं के सुरक्षित मातृत्व एवं स्वस्थ्य शिशु के लिए नियोजित ढंग से कार्य योजना तैयार की है। दरअसल कलेक्टर द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में अपने भ्रमण में कुपोषण का जायजा लिया गया। आदिवासी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अच्छे स्वास्थ्य के दृष्टिगत विभिन्न जांच सुविधा, दवाइयां और पोषण उपलब्ध कराने को संवेदनशीलता के साथ महसूस किया। इसके परिणामस्वरुप सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत दोनों आदिवासी विकासखंडों के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। अब तक बाजना, रावटी तथा सैलाना में शिविर लगाए जा चुके हैं। आगामी दिनों में केलकच्छ, शिवगढ़, सरवन, बेड़दा तथा चंद्रगढ़ में शिविर आयोजित किए जाएंगे।
महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को समन्वय के साथ अभियान में लगाया गया है। अभियान की खासियत यह है कि शिविरों में गर्भवती माताओं के लिए महंगी जांच पैकेज को नि:शुल्क उपलब्ध करा दिया गया है जिससे कोई कमी नहीं रहे। तमाम तरह की जांचों के साथ सभी जरूरी दवाइयां दी जा रही है। ब्लड प्रेशर, शुगर, हिमोग्लोबिन टेस्ट और साथ ही अन्य सभी जांचे शिविरों में ऑन द स्पॉट की जा रही हैं। रक्त की कमी वाली महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया जाता है। इसके लिए पृथक से वार्ड बनाए जाते हैं। सैलाना में आयोजित शिविर में 342 महिलाओं का चेकअप हुआ, इनमें 83 महिलाएं हाई रिस्क वाली पाई गई। 78 महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया गया। आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए, सैलाना में 25 आयुष्मान कार्ड बने।
संबोधन में कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व अभियान के सुखद परिणाम सामने आएंगे। जो भी कमी है उसको दूर कर रहे हैं। हम प्रत्येक गर्भवती आदिवासी महिला को सुरक्षित मातृत्व के दायरे में ला रहे हैं परंतु सामाजिक जनजागरण की भी आवश्यकता है। कलेक्टर ने कहा कि जनजाति समुदाय सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत उन्नत है परंतु उनके स्वास्थ्य की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है। कोई भी महिला कुपोषित नहीं रहे, इसे हम सिस्टम के दायरे में लाए हैं। कलेक्टर ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व अभियान मन के सुख का कार्य है। इस कार्य से भले ही वेतन में वृद्धि नहीं हो, शाबाशी नहीं मिले, पुरस्कार नहीं मिले परंतु मन को सुख और संतोष मिलेगा। कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने सैलाना की कसेरा धर्मशाला में आयोजित उक्त शिविर का निरीक्षण विभिन्न कक्षों में पहुंचकर किया।
पूर्व विधायक श्रीमती संगीता चारेल ने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जनजागरूकता आवश्यक है। महिलाएं स्वयं भी अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देवें। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देवें। श्री नारायण मैडा ने भी संबोधित किया। डॉ. उदय यार्दे ने अपने उद्बोधन बताया कि कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम की पहल पर सैलाना, बाजना क्षेत्रों में क्रियान्वित सुरक्षित मातृत्व अभियान का मॉडल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी अपनाया जाएगा। डॉ. सुनीता यार्दे ने भी संबोधित किया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री रजनीश सिन्हा ने प्रारंभ में शिविर आयोजन की रूपरेखा से अवगत कराया। शिविर में श्री अनुकूल सोनी, श्री श्याम भगत, श्री मोतीलाल निनामा, सुश्री मनीषा सिलावट, श्री मांगीलाल खराड़ी, श्री पीरुलाल रावत, सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, सहायक संचालक महिला बाल विकास सुश्री अंकिता पंड्या मौजूद रहे। आभार डीपीएम डॉक्टर अजहर अली ने माना। शिविर में आयुष विभाग की सहभागिता से रक्त की कमी वाली महिलाओं के लिए विशेष दवाइयां उपलब्ध कराई गई। आयुष विभाग के इंचार्ज डॉ. बलराज चौहान के अलावा श्री अनिल मेहता एवं पूरा स्टाफ मौजूद रहा और महिलाओं को लोहासव तथा अन्य जरूरी रक्तवर्धक दवाएं उपलब्ध कराई। शिविर में उत्कृष्ट कार्य करने वाली कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया इनमें इंदिरा चौहान, संगीता गणावा, धापूबाई, कैलाशीबाई आदि सम्मिलित है।