रतलाम । विद्युत वितरण कंपनियों ने नागरिकों से अपील की है कि विद्युत लाइनों, उपकरणों एवं खंभों से छेडख़ानी करना विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। जरा-सी असावधानी या छेडख़ानी से बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। ऐसी लाइनें जिनमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है, यदि आंधी-तूफान या अन्य किसी कारण से टूट जाती हैं या जमीन पर गिर जाती हैं तो उन्हें छूकर खतरा मोल न लें।
लाइन टूटने की सूचना शीघ्र ही निकटस्थ बिजली कंपनी के कार्यालय में वहां के प्रभारी अधिकारी अथवा विद्युत कर्मचारी को दें। ऐसी सूचना काल सेंटर 1912 पर भी दे सकते हैं। खेतों और खलिहानों में ऊँची-ऊँची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियाँ तथा झोपड़ी, मकान अथवा तंबू आदि विद्युत लाइनों के नीचे अथवा अत्यंत समीप न बनाएं। विद्युत लाइनों के नीचे से अनाज, भूसे आदि की ऊँची भरी हुई गाडिय़ाँ (चालू लाईन) न निकालें, इससे आग लगने का खतरा है।
यदि कोई व्यक्ति चालू लाइन के तारों के संपर्क में आ जाता है तो स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दें। यदि स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से सजीव तारों से अलग करें। ऐसा न करने से सहायता करने वाले को भी शॉक लग सकता है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सजीव तारों से शीघ्र ही अलग करें क्योंकि एक सेकेण्ड की देरी भी घातक हो सकती है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटाएँ एवं कृत्रिम सांस देकर उसका प्राथमिक उपचार करें।