अलविदा सुषमा जी लायनवाद का सितारा अस्त हो गया

रतलाम । जिंदगी और मौत के बीच कड़े संघर्ष के बाद अंततोगत्वा मौत की जीत हो गई और लोहा महिला के नाम से मशहूर लायन वाद की प्रखर प्रणेता सेवा मनीषी सुषमा श्रीवास्तव हम सबको अलविदा कह कर पंचतत्व में विलीन हो गई । सुषमा जी विगत कई दिनों से किडनी रोग से पीडि़त थी इसके बावजूद जिंदगी जीने का उनका जुनून लाजवाब था । बुलंद हौसलों का प्रतीक अपने सामाजिक जीवन को एक आदर्श जीवन में व्यतीत करने वाली ऐसी महिला थी जिनकी सोच और विचारों में हमेशा गरीबों की सेवा उनके उद्धार के प्रति संवेदना ओं का अपार भंडार था । मूलत: जबलपुर की रहने वाली अपने पति प्रोफेसर एच एस श्रीवास्तव जी के साथ जब वे रतलाम आई । तब से वे रतलाम के जनजीवन और रतलाम वासियों की हो गई सामाजिक संचेतना उनके विचार और आदतों में शुमार थी थोड़े दिनों के लिए उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दामन भी थामा । लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई । वह पुन: समाज सेवा की पटरी पर लौट आई यही उनके सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण का सबसे बड़ा प्रमाण था वे रतलाम लायंस क्लब की रीड की हड्डी थी । लायंस क्लब लायनेस क्लब लायंस क्लब समर्पण के माध्यम से उन्होंने जनसेवा का एक मजबूत प्लेटफार्म बनाया अपने सफल नेतृत्व गुणों के बल पर रतलाम की अग्रणी सामाजिक सेवा मैं सक्रीय महिलाओं को अपने साथ जोड़ कर लायन वाद की नींव को मजबूत किया।
उनके सफल नेतृत्व में लायन वाद को एक जन आंदोलन का रूप देकर आमजन तक लायंस क्लब की सेवाओं को पहुंचाया दानदाताओं को गरीबों की सेवाओं के लिए प्रेरित किया विशेषकर महिला उद्धार एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी रुचि थी । यही कारण था कि लायंस क्लब डिस्ट्रिक्ट 32 33 मैं पिछले 2530 वर्षों से वे महिलाओं से जुड़े हर प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका में थी लोगों को उनकी प्रतिभाओं के अनुसार सेवा कार्यों में संलग्न कर गरीबों के उद्धार के लिए प्रेरित करना उनका सबसे बड़ा गुण था । मृदुभाषी सफल वक्ता और कार्यक्रमों को अपनी अनूठी संचालन शैली से लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचाना जो उनकी विशेषता थी । कुछ समय के लिए भोपाल आकाशवाणी केंद्र में भी वे कार्यरत रही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी गहरी रुचि रहे लायंस क्लब की गतिविधियों में हमेशा संस्कारों और सांस्कृतिक वातावरण की वे अग्रणी पैरोकार थी । गंभीर बीमारी होने के बाद भी मरते दम तक उन्होंने सेवा कार्यों से अपने को जोड़े रखा । कोरोना महामारी के उन्मूलन में सैनिटाइज तथा मास्क वितरण में उनकी भूमिका अग्रणी रही । लायंस क्लब समर्पण की वे संस्थापक थी इसके अलावा अनेकों सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर उन्होंने वंचित और पिछड़े क्षेत्रों में राष्ट्रीय जन सेवा के कार्यक्रमों को प्रचारित एवं क्रियान्वित करवाया । उनके जाने से सामाजिक क्षेत्र में जो रिक्त था आई हैउसकी पुर्ति असभव है।
जन शिक्षण संस्थान रतलाम द्वारा श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव का श्रद्धाजंली अर्पित
जन शिक्षण संस्थान रतलाम की पूर्व उपाध्यक्षा एवं वर्ष 2001 से 2006 तथा पुन: वर्ष 2011 से 2015 संस्थान के बोर्ड आफ मैनेजमेन्ट की शासकीय सदस्य तथा लायनेस क्लब में अनेक वरिष्ठ पदो को सुशोभित कर उसके माध्यम से सेवा करने वाली प्रसिद्ध समाजसेविका श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव का आज दिनांक 4/6/2020 को आकस्मिक निधन हो गया । जन शिक्षण संस्थान की निदेशक श्रीमती कल्पना पुरोहित एंव समस्त स्टाफ व्दारा श्रद्धाजंली अर्पित करते हुए समस्त परिवार को इस दु:ख को सहन करने की शक्ती प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की गई ।