जिले में नशा मुक्ति के लिए मुंबई के मनोचिकित्सक डॉक्टर आशीष देशपांडे के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा चर्चा की गई

रतलाम । रतलाम जिले में नशा मुक्ति के लिए मुंबई के प्रख्यात मनोचिकित्सक डॉक्टर आशीष देशपांडे के साथ शनिवार को रतलाम के धर्मगुरुओं, न्यायधीशगणों, डॉक्टर तथा अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चर्चा की गई। वीसी में डॉ. देशपांडे ने मुंबई से चर्चा करते हुए रतलाम जिले में नशा मुक्ति, रिहैबिलिटेशन सेंटर स्थापना आदि बिंदुओं पर उपयोगी मार्गदर्शन देते हुए उनकी ओर से पूर्ण सहयोग देने हेतु आश्वस्त किया।
जिला न्यायालय परिसर में विधिक सहायता कक्ष से संपन्न वीसी में विशेष न्यायाधीश श्री दीपक गुप्ता, मुख्य अतिथि के रूप में द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश श्री साबिर अहमद खान एवं अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री दशरथ पाटीदार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। शहर काजी श्री अहमद अली, सिख समाज के श्री गुरनामसिंह, ब्राह्मण समाज के श्री पातीराम शर्मा, ईसाई समाज से श्री सैमसंग दास, श्री सलीम आरिफ, जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी, उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री एस.एस. चौहान, मनोरोग चिकित्सक डॉक्टर निर्मल जैन, श्री विजय शर्मा, श्री आशीष पाठक, विधिक सेवा स्टाफ, पैरालीगल वालंटियर उपस्थित थे।
डॉक्टर आशीष देशपांडे ने मुंबई से बोलते हुए नशा मुक्ति उपचार के संबंध में अपनाई जाने वाली 12 स्टेप प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति में समाज की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने चिकित्सालय में नशा मुक्ति चिकित्सा के लिए आवश्यक सुविधाएं तथा इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी मार्गदर्शन दिया।
आयोजित वीसी मीटिंग में न्यायधीश श्री दीपक गुप्ता ने कहा कि नशेड़ी व्यक्ति समाज से खुद को पृथक मान लेते हैं, उनमें विचार शून्यता की स्थिति पैदा हो जाती है। उनको मुख्यधारा में सम्मिलित करने के लिए ठोस प्रयास आवश्यक है। इसके साथ ही उन्हें रोजगार दिए जाकर व्यस्त भी रखना आवश्यक होता है ताकि पुनः नशे की धारा में नहीं लौटे।
द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश श्री साबिर अहमद खान ने भी डॉक्टर देशपांडे से चर्चा करते हुए कहा कि नशा मुक्ति हेतु आवश्यक है कि नशा करने वाला स्वयं को पीड़ित माने तभी उसका पूर्ण उपचार संभव हो पाता है। जिले में नशा मुक्ति के क्षेत्र में न्यायिक सेवा द्वारा पूर्ण सहयोग एवं सहभागिता की जाएगी। इस कार्य में धर्मगुरुओं का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मनोरोग चिकित्सक डॉ. निर्मल जैन ने जिले में नशा मुक्ति के लिए की जा रही कार्रवाई की जानकारी डॉक्टर देशपांडे को दी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी द्वारा नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 एवं मध्यस्थता जागरूकता के अंतर्गत आयोजित वीसी कार्यक्रम में गहन विचार-विमर्श किया गया कि नशा पीड़ितों के लिए चलाई जा रही शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जिले में नशा पीड़ितों को किस प्रकार सहायता पहुंचाई जा सकती है तथा नशा मुक्ति की बुराई को दूर करने के लिए किस प्रकार प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है। आए हुए अतिथियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वृक्षारोपण हेतु पौधे भी वितरित किए गए। इस अवसर पर मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम भी संपन्न हुआ जिसमें प्रकरणों के आपसी सहमति के आधार पर सुलह कराने के प्रयास में तेजी लाने हेतु चर्चा की गई।