वृक्ष हमारे प्राणों का आधार और सृष्टि का श्रृंगार है जिसमें परमात्मा का रूप समाया हुआ है-राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जावरा (अभय सुराणा ) । वृक्ष हमारे प्राणों का आधार और सृष्टि का श्रृंगार है जिसमें परमात्मा का रूप समाया हुआ है वृक्ष को काटना आराध्य की हत्या करने के समान है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने रूप रजत विहार में वृक्षारोपण समारोह को संबोधित करते कहा कि वृक्ष हमारे प्राण वायु दाता है अनंत उपकारी है उसका हर अंग इंसान के काम आता है । उन्होंने कहा कि वन संपदा सर्वोपरि संपदा है वन है तो जीवन है वन है तो जल है और जल है तो हम हैं वृक्ष की रक्षा करना संपूर्ण सृष्टि की रक्षा करने के समान है।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे मिलीभगत से दिनदहाड़े वृक्षों की अवैध कटाई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है वृक्षों का कत्ल इंसान के कत्ल से बढ़कर है । जैन संत ने बताया कि पुत्र के जन्म पर धन मकान आदि सारी व्यवस्थाएं करते हैं तो फिर ऑक्सीजन के लिए पेड़ क्यों नहीं लगाते जो नहीं लगाते हैं उन्हें ऑक्सीजन लेने का कोई अधिकार नहीं है । मुनि कमलेश ने दुख के साथ कहा कि धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है ग्लेशियर पिघल रहा है बीमारी और प्राकृतिक प्रकोप की बाढ़ आ गई है इसका दोषी इंसान है । वृक्ष बचाओ विश्व बचाओ का संदेश दिया गया । रूप रजत संस्था के अध्यक्ष नेमीचंद चोपड़ा, मंत्री लादूराम लोढ़ा, सज्जन गोलेछा पदमचंद ललवानी, महेंद्र जैन, जवरी मल काकरियाँ, अशोक भंडारी, नरेंद्र कुमार पंच, संघ के मंत्री रतनलाल लसोड, पुखराज लसोड आदि ने राष्ट्रसंत श्री कमल मुनि, घनश्याम मुनि, अरिहंत मुनि, धैर्य मुनि, कौशल मुनि, प्रशांत मुनि का भव्य स्वागत किया । पधारने की खुशी में रूप रजत विहार में वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया। उक्त जानकारी अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अभय सुराणा ने दी।