रतलाम । रतलाम जिले में मलेरिया की बीमारी पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देशन में वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम आरोग्य केंद्रों पर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं जिनके माध्यम से मात्र 15 से 30 मिनट में जांच द्वारा परिणाम बता दिया जाता है। जिले में 51 हाई रिस्क ग्रामों को चिन्हित किया गया है जहां पर मलेरिया नियंत्रण के लिए अल्फा साइपर मैथ्रन दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने बताया कि रतलाम जिले के बाजना, पिपलोदा तथा सैलाना विकासखंडों के 51 गांवों को मलेरिया के संदर्भ में हाई रिस्क ग्रामों के रूप में चिन्हित किया गया। यह चिन्हांकन गत वर्ष के डाटा के आधार पर किया गया है। जिले में बनाए गए फीवर क्लिनिक्स पर भी रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिससे वहां आने वाले मरीजों की मलेरिया जांच हो सकेगी। जिले में गत वर्ष 2 लाख 43 हजार मच्छरदानियां भी वितरित की गई थी जिसके फलस्वरुप मलेरिया के प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई है। इसके अलावा जून माह में मलेरिया एडवोकेसी कार्यशालाए भी आयोजित की जा रही है।