कलयुग में संगठन से बड़ा और कोई धर्म नहीं हो सकता- राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । हाउसिंग बोर्ड धागे का एक तिनका अलग-अलग पड़ा है तो कचरे के रूप में अस्तित्व हीन होता है और वही संगठित होकर रस्सी का रूप ले ले तो हाथी बांधने की क्षमता जाती है संगठन ही धर्म का प्राण और मोक्ष का आधार है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने हाउसिंग बोर्ड जोधपुर में धर्म सभा को संबोधित करते कहा कि कलयुग में संगठन से बड़ा और कोई धर्म नहीं हो सकता । उन्होंने कहा कि महापुरुषों ने अपने से भी संगठन को सर्वोपरि माना उसके बनाने और रक्षा करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया मुनि कमलेश ने कहा कि संगठन से छेड़छाड़ करना परमात्मा के साथ खिलवाड़ करने के समान है अपने स्वार्थ के लिए संगठन को खरोच लाना टुकड़े करना धर्म की हत्या करने के समान है । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि किसी से नाम और जाति से अथवा धर्म से संगठन खड़ा हो उसका लक्ष्य संपूर्ण मानवता को लेकर साथ में चलने का हो तो वह संगठन विश्व पूजनीय बनता है जैन संत ने कहा कि जो जाति पंथ धर्म प्रांत और भाषा के कुंठित विचारों से राग द्वेष की नींव पर खड़े नफरत फैलाने वाले अनु बम परमाणु बम से भी खतरनाक है मानवीय एकता में मधुरता के रिश्ते गोले भाई सच्चा धार्मिक संगठन है कवि रत्न श्री अक्षत मुनि जी ने ने कहा कि नफरत की बू आती है वह संगठन हेलो हाय जहर है घनश्याम मुनि अरिहंत मुनि ने विचार व्यक्त किए कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया।