हर हाल में पॉजीटिव रखे सोच,सीखने की पाठशाला पूज्य वाचनाचार्य का जीवन-समकितमुनिजी

पूज्य वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर विशालमुनिजी म.सा. का 51वां दीक्षा दिवस मनाया

गुरूग्राम 22 जनवरी (निलेश कांठेड़)। असफलता के माहौल में सकारात्मक सोच रखे। जब लाइफ में कठिनाईयां आ रही ओर लक्ष्य से भटक रहे तब पॉजीटिव सोच नया विश्वास का दीया हमारे जीवन में जलाती है। हिम्मत नहीं हारनी चाहिए कभी हमारा उत्साह कम नहीं होना चाहिए। असफलता के दौर में अपने उत्साह को कभी कम नहीं होने देना चाहिए। जिस दिन उत्साह कम हो जाएगा उस दिन सफल नहीं हो पाएंगे। ये विचार श्रमण संघीय सलाहकार भीष्म पितामह राजर्षि सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने रविवार को गुरूग्राम (गुडगांव) मेें पूज्य वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर विशालमुनिजी म.सा. के 51वें दीक्षा दिवस के अवसर पर आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि हमारे जीवन में पॉजीटिव एनर्जी इतनी फुलफील होनी चाहिए कि कोई सा भी प्रसंग आ जाए दिमाग में कभी नकारात्मक सोच विकसित नहीं हो पाएगी। नेगेटिव बाते आएगी ही नहीं तो जिंदगी में आने वाला कल हमेशा पॉजीटिव ही लेकर आएगा। उन्होंने पूज्य विशालमुनिजी म.सा. के संयम जीवन को अनुकरणीय व सीखने की पाठशाला बताते हुए कहा कि वाचनाचार्य भगवन जहां जहां जाते है वहां ऐसी पॉजीटिव बाते हो जाती जिनकी कल्पना भी नहीं कर सकते। उनसे हमेशा यहीं सीखा है कि जिंदगी में किस तरह पॉजीटिव रहकर कार्य करना चाहिए। वाचनाचार्य भगवन के जीवन से हम बहुत कुछ सीख अपनी जिंदगी को सकारात्मक व बेहतर बना सकते है। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य मिला। गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने गीत के माध्यम से पूज्य वाचनाचार्य भगवन के प्रति मन की भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान की। नेपाल गौरव साध्वी श्री पूजा ज्योति जी महाराज आदि ठाणा का सानिध्य भी आयोजन में प्राप्त हुआ।
गुरूगाम से विहार कर पहुंचे मानेसर, सोमवार को पहुंचेंगे धारूहेड़ा
दीक्षा जयंति कार्यक्रम के बाद पूज्य समकितमुनिजी, भवान्तमुनिजी एवं जयवंतमुनिजी म.सा. आदि ठाणा ने गुरूग्राम से मानेसर के लिए विहार कर दिया। विहार यात्रा में कई श्रावक-श्राविकाएं उनके साथ थे। मानेसर में पॉलीटेक्निक कॉलेज में प्रवास रहा। इस दौरान उनके दर्शन व धर्मचर्चा के लिए आसपास के क्षेत्रों से कई श्रावक-श्राविकाएं पहुंचे। मानसेर से मुनिश्री सोमवार को धारूहेड़ा के लिए विहार करेंगे। उनका सोमवार दिन का प्रवास धारूहेड़ा में सुश्रावक शिखरचंदजी बोथरा के निवास पर रहेगा। श्री बोथराजी से मो.न. 9899357323 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
भिवाड़ी के रास्ते राजस्थान में करेंगे प्रवेश
गत वर्ष का चातुर्मास भीलवाड़ा शांतिभवन में करने वाले पूज्य समकितमुनिजी म.सा. हरियाणा के धारूहेड़ा में प्रवास के बाद अलवर जिले के भिवाड़ी क्षेत्र से राजस्थान की सीमा में पुनः प्रवेश करेंगे। उनका विहारयात्रा के तहत आगामी एक फरवरी के करीब जयपुर पहुंचने का भाव है। जयपुर प्रवास के बाद वह झीलों की नगरी उदयपुर में होने वाले आगामी होली चातुर्मास की दिशा में विहार करेंगे। उदयपुर में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान हिरणमगरी सेक्टर-4 के तत्वावधान में होली चातुर्मास होगा। उदयपुर के बाद उनका विहार महाराष्ट्र के नासिक शहर की दिशा में होगा जहां उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव का आयोजन होगा। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. नासिक के बाद पूना की दिशा में विहार करेंगे जहां श्रीआदिनाथ जैन स्थानक भवन में उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास होना है।