मेरा नहीं साहित्य साधना का सम्मान है

राज्य स्तरीय साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर डॉक्टर चांदनी वाला का हुआ सम्मान

रतलाम । किसी भी उपलब्धि के लिए सम्मानित होना बड़े गर्व की बात है लेकिन सम्मान के पीछे तपस्या रहती है साधना रहती है उसका अभिनंदन और सम्मान होना बड़े गर्व की बात होती है मैं अपने सम्मान को शहरवासियों को समर्पित करता हूं जिन्होंने मुझे लेखन के लिए प्रेरणा और समय-समय पर प्रोत्साहन और ऊर्जा प्रदान की मेरी साहित्य की यात्रा में मेरा अपना कार्यक्षेत्र और शहर के बाशिंदों का बड़ा योगदान है जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा ।
उक्त विचार शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदीवाला को मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा दिए गए कवि श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार के लिए सम्मानित करने पर अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में आपने व्यक्त किए।
आपने कहा कि साहित्य साधना के लिए समाज से ही विषय और प्रेरणा मिलती है कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहा है शिक्षाविद ओपी मिश्रा जी ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे शहर में इतने उच्च कोटि का साहित्यकार निवास करता है नए लेखकों को और साहित्यकारों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए डॉक्टर सुलोचना शर्मा ने कहा कि डॉक्टर चांदनी वाला अपने लेखन के माध्यम से समाज को आधुनिक विचारधारा से कर्तव्य बोध करा रहे हैं जो सबके लिए अनुकरणीय है। श्री गोपाल जोशी ने कहा कि वर्तमान लेखकों में डॉक्टर चांदनी वाला का स्थान अति सम्मानीय है। सामाजिक विसंगतियों को शब्दों के माध्यम से उजागर करना आप की विशेषता है ।
आरंभ में संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि संस्था द्वारा आगामी 9 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष में स्त्री भारत का स्वाभिमान विषय पर प्रादेशिक संगोष्ठी का आयोजन करेगी।
इस अवसर पर सर्व श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर, राधेश्याम तोगडे, नरेंद्र सिंह राठौड़, दिलीप वर्मा, रमेश उपाध्याय, दशरथ जोशी, मदन लाल मेहरा, अनिल जोशी, भारती उपाध्याय, प्रतिभा चांदनीवाला, आरती त्रिवेदी आदि उपस्थित थे। बैठक का संचालन दिलीप वर्मा ने तथा आभार अनिल जोशी ने व्यक्त किया।