आजाद हिंद संगठन द्वारा चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रुप में मनाई

रतलाम । आजाद हिंद संगठन द्वारा आज शहीद चौक पर नमन् आजाद कार्यक्रम के तहत चन्द्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप मे पुष्पांजलि व दीप जलाकर नमन् किया ।
आजाद हिंद संगठन के संयोजक राकेश पाँचाल ने अपने संबोधन मे कहा कि चंद्रशेखर आज़ाद स्वतंत्रता को अनुनय -विनय से पाने में विश्वास नहीं रखते थे। अपना अधिकार समझकर बल पूर्वक स्वतंत्रता प्राप्ति के पक्षधर थे। चंद्रशेखर आज़ाद ने महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग भी लिया। किंतु वर्ष 1921 में गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन को वापस लेने पर आज़ाद के अंदर स्वतंत्रता की धधकती ज्वाला और भी तेज हो गई और उन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के तहत राम प्रसाद बिस्मिल और अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजो के विरुद्ध एक बड़ा अभियान चलाया। जिसमे अंग्रेजो का जमकर विरोध करना था।
पांचाल ने बताया की पंडित जी बदले की कार्यवाही पर विश्वास करते थे उन्होंने काकोरी कांड, सांडर्स हत्या और असेंबली में बम धमाका जैसे बड़ी घटनाओं को अंजाम दिए । आजाद निर्भीकता और अदम्य साहस के धनी थे । इस अवसर पर संगठन के कमलेश मालवीय, विजयसिंह पंवार, पुष्कर द्विवेदी, अर्पित उपाध्याय, महेश सोलंकी, संजय पांचाल, दशरथ भारती, महेंद्र सिंह भाटी आदि उपस्थित थे ।