डा. दिनेश जोशी द्वारा देहदान किए जाने के निर्णय को अनेक समाज प्रमुखों ने अनोखी मिसाल बताया

स्व. जोशी की स्मृति में बनाया जाएगा औषधि उद्यान

रतलाम । वे एक कुशल चिकित्सक ही नही वरन् श्रेष्ठ इंसान थे, उनका जीवन शिक्षा और चिकित्सा को समर्पित रहा, वे श्रेष्ठ शिक्षक एवं कुशल वक्ता के साथ सेवा भावी चिकित्सक थे । कोरोना काल में भी उनका अस्पताल सभी के लिये खुला रहता था ।
यह बात नगर के प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर दिनेश जोशी के निधन के बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में नगर के प्रबुद्ध जनों ने डॉक्टर जोशी की स्मृति में कही।
श्रृद्धांजलि सभा को रतलाम के मोहनलाल पिरोदिया, गोविंद काकानी, चंदनमल घोटा, साधुमार्गी जैन संघ के धीरजमल मुणत, पत्रकार राजेश जैन, राधा वल्लभ खंडेलवाल, गोपाल टंच, श्रीमाली ब्राह्मण समाज की ओर से प्रकाश व्यास, सराफा एसोसिएशन की ओर से झमक भरगट, औदिच्य समाज की ओर से अरविंद त्रिवेदी, शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य व्हाय के मिश्रा, रामकृष्ण मिशन से सुभाष शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गोविंद उपाध्याय, साहित्यकार डॉ.शोभना तिवारी, वैद्य सुशील शर्मा, ऑटो गैरेज एसोसिएशन की ओर से राजेश राका ,वैद्य जगदीशप्रसाद उपाध्याय, सर्व ब्राह्मण सभा के शरद चतुर्वेदी, श्री रामकृष्ण मिशन की और से के.वी. सोनी, समन्वय परिवार के कैलाश व्यास आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि देहदान जैसा निर्णय लेकर दिनेश जी ने समाज के सामने अनोखी मिसाल पेश की और साथ ही अंतिम क्रिया से जुड़े धार्मिक आयोजन न करने के निर्देश परिवार जनों को दिए यह भी एक प्रेरणादायिक कदम है, जिसकी जितनी सराहना की जाएं उतना कम है।
जोशी परिवार की ओर से बडऩगर से आए नितेश जोशी ने जहां जोशी परिवार की पृष्ठभूमि पर जानकारी प्रदान की वहीं अभिजीत जोशी ने उनसे जुड़े अपनी स्मृतियों को उपस्थित लोगों से साझा किया ।
दिनेशजी की देहदान किए जाने का प्रमाण पत्र मेडिकल कालेज द्वारा उनकी सुपुत्री श्रीमती शीतल शुक्ला और दामाद नीलेश शुक्ला ,भतीजे इशान जोशी को प्रदान किया गया था, जिसे श्रद्धांजलि सभा में श्री काकानी द्वारा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर उनके दामाद निलेश शुक्ला और श्रीमती शीतल शुक्ला ने यह संकल्प लिया कि डॉक्टर दिनेश जोशी की स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए एक औषधि उद्यान का निर्माण करेंगे ,जिसमें हजारों ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जिनका उपयोग औषधि के रूप में हो और यही वैद्य दिनेश जोशी को उनके द्वारा प्रदान की गई सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कवि प्रदीप की सुपुत्री सुश्री मितुल प्रदीप, जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, वरिष्ठ साहित्य कार डा. प्रमोद त्रिवेदी, आयुर्वेद सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष डा वासुदेव काबरा ने भी दिनेश जोशी को श्रद्धांजलि प्रदान की । श्रद्धांजलि सभा में आये सभी लोगों का आभार परिवार के वरिष्ठ, पत्रकार शरद जोशी ने व्यक्त किया। संचालन डा. रत्नदीप निगम ने किया।
राज्यपाल गेहलोत ने भी संवेदना व्यक्त की
श्री जोशी के निधन पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी , देनिक स्वदेश के संपादक शक्तिसिंह, मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष शलभ भदौरिया, प्रदेश कार्य समिति सहित अनेक सामाजिक, राजनैतिक, साहित्यिक , पत्रकार संगठनों ने भी शोक संदेश के माध्यम से डा. जोशी के देहदान के निर्णय को प्रेरणादायी बताते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री जोशी को आयुर्वेद से जुड़े अनेक सम्मान भी मिले थे। पूर्व राष्ट्रपति कोविन्द, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, आयुर्वेद महासम्मेलन द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया था। प्रदेश केअन्य स्थानों से भी पत्रकार, चिकित्सक व सामाजिक संगठनों ने भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए है।