कथनी और करनी की समानता से आत्मबल मजबूत बनता है-राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । महावीर भवन नेहरू पार्क मानव सोचता क्या है कहता क्या है और करता क्या है तीनों की भिन्नता ही अपने आप में अधर्म और पाप है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने महावीर भवन नेहरू पार्क में कोरोनावायरस मुक्ति आध्यात्मिक प्रशिक्षण केंद्र को संबोधित करते कहा कि कथनी और करनी में जितना-जितना अंतर कम होता जाएगा उतना ही व्यक्ति धर्म के नजदीक आता जाएगा उन्होंने कहा कि कथनी और करनी की समानता से आत्मबल मजबूत बनता है पूरे विश्वास के साथ जिस काम में लगेगा उसमें पूरी सफलता मिलेगी ।
राष्ट्रसंत ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से पशुओं में प्रतिभा का विकास हो जाता है तो भला इंसान में क्यों नहीं हो सकता । जैन संत ने कहा कि प्रशिक्षण होने पर कम समय में कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा अच्छे परिणाम दे सकते हैं हर आत्मा में प्रतिभा है उसको जगाने वाला चाहिए । मुनि कमलेश ने कहा कि सोशल डिस्टें सिंग के साथ लोकसभा और राज्यसभा संचालित करने का निर्णय सरकार ले सकती है तो फिर धर्म सभा के लिए आपत्ति क्यों यह दोहरा आचरण सरासर अपराध अन्याय हैं आध्यात्मिक शक्ति से ही कोरोनावायरस को पराजित किया जा सकता है । कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया, अक्षत मुनि जी ने विचार व्यक्त किए ।