घर जाने के बजाय बच्चों की सीमिति संख्या में विद्यालय प्रारम्भ करना अच्छा है

रतलाम । मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्कूली शिक्षा के नवीन सत्र के लिए हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान चलाकर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य पूर्णतया व्यवहारिक नहीं है और नहीं यह बच्चों के हित में ह,ै और ना ही शिक्षकों के हित में इससे अच्छा तो यह होगा कि विद्यालय को आरंभ कर अल्टरनेट कक्षा आरंभ की जाए सीमित बच्चों के साथ वह ज्यादा श्रेयस्कर होगा।
उक्त मांग वरिष्ठ शिक्षक तथा शिक्षक सांस्कृतिक संगठन के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने एक बयान में कहीं है । आपने कहा कि महामारी के इस दौर में हमें स्वयं भी बचना है और बच्चों को भी बचाना है । संक्रमण के खतरे संपर्क अभियान से ज्यादा बढ़ सकते हैं जो बच्चों के जीवन के लिए खतरनाक साबित होंगे । डब्ल्यूएचओ के निर्देशानुसार बीमारी का खतरा अभी टला नहीं है ऐसे में बच्चों से निरंतर संपर्क करना इसके संक्रमण को बढ़ावा देने के समान है । इससे बेहतर तो यह होगा कि कक्षा वार विद्यार्थियों को स्कूल में ही बुलाया जाए और शारीरिक दूरी का पालन करते हुए निम्नतम संख्या के बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाए । वह ज्यादा अनुकूल और श्रेष्ठ रहेगा बच्चों की पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होगा और शासन का मंतव्य भी पूरा हो सकेगा । श्री दिलीप वर्मा, रक्षा के कुमार, भारती उपाध्याय, वंदना अग्निहोत्री, रमेश उपाध्याय, दशरथ जोशी, मदन लाल मेहरा, मिथिलेश मिश्रा, राजेंद्र सिंह राठौड़, नरेंद्र सिंह राठौड़, राधेश्याम तोगडे, कमल सिंह राठौड़, बीके जोशी, अनिल जोशी, देवेंद्र वाघेला, चंद्रशेखर लश्कर ई, कविता सक्सेना, नूतन मजावदिया, आरती त्रिवेदी, विजय यादव आदि ने भी श्री शर्मा के बयान का समर्थन किया है ।