जैन दिवाकर गुरुदेव पर पूर्ण आस्थावान एवम सुलेखक – चिन्तक – विचारक सन्त हे उप प्रवर्तक डा. सुभाष मुनि जी

जन्म दिवस व संयम दिवस पर विशेष
विजय कुमार लोढ़ा निम्बाहेड़ा( बेंगलुरु)
उपाध्यक्ष : अ. भा. श्वे. स्था. जैन कांफ्रेस ज्ञान प्रकाश योजना
मंत्री: श्री जैन दिवाकर साहित्य प्रकाशन समिती चित्तौड़गढ़( रजि.)

उप प्रवर्तक श्री सुभाष मुनि जी का जन्म स्थान भुसावल ( खानदेश- महाराष्ट्र) हे आप के पिताश्री शंकर लाल जी बैरागी तथा माता का नाम केसर बाइ हे । 26 मार्च 1953 को आपका जन्म हुआ । आपके सात भाइ व तीन बहिनो का बड़ा परिवार था । जैन सन्तो के पास जाने का बचपन से ही मन करता था । जैन दिवाकरीय घोर तपस्वी श्री वृद्धि चंद जी म.सा एवम व्याख्यान वाचस्पति श्री चंदन मुनि जी के सम्पर्क में आए व वैराग्य भाव उत्पन्न हुआ व 27 मार्च 1969 में आपकी भागवती दीक्षा सम्पन्न हुई ।
आप तपस्वी श्री वृद्धी चंद जी म.सा के शिष्य बने तथा आपके शिक्षा गुरु जैन दिवाकर चालीसा के रचियता पूज्य श्री चंदन मुनि जी रहे । उनकी प्रेरणा से आपने ज्ञान ध्यान सिखा । आपने साहित्य विशारद, साहित्य रत्न, साहित्य सुधाकर आदि परीक्षा उतीर्ण की व दर्शन शास्त्र में एम. ए. किया ।
आपने जैन परम्परा में दलितोद्धार एक समीक्षात्मक अध्ययन विषय पर पी.एच.डी. की व डाक्टरेट की उपाधी प्राप्त की ।
हाथ में तकलीफ के बावजूद लेखन कार्य में लीन रहे
आपके एक हाथ में काफी लम्बे समय से बहुत तकलीफ हे पर उसके बावजूद आपको साहित्य लेखन के प्रति लगाव रहा, आपने चार उपन्यास, आठ चालीसा व पुस्तके शब्द नवनीत, सपनो का रोमांच आदि लिखी।
आपकी एक पुस्तक जीनमें प्रमुख सन्तो का जीवन दर्शन व आचार्यो का जीवन व्रत व विशेष रूप से जैन दिवाकर परम्परा के आचार्यो व सन्तो का विवरण दिया हैं वह पुस्तक है।
युग प्रधान से वर्तमान तक इस पुस्तक में आपने बहुत श्रम कर जानकारीयें उपलब्ध कराइ हे! फरवरी 2004 में चितोड़गढ में आपको उप – प्रवर्तक पद प्रदान किया गया ।
गुरु जैन दिवाकर के प्रति असीम श्रद्धा व समर्पण
गुरु जैन दिवाकर के प्रति इतनी श्रद्धा है कि अभी स्वास्थ्य काफी नरम-गरम चल रहा हें व बिमारी से संघर्ष कर रहे है फिर भी जब भी बात होती हें यही बात कहते है कि सब गुरु – जैन दिवाकर की कृपा हे व में ठिक हो रहा हू ।
गुरु जैन दिवाकर के प्रति कोई भी सन्त या श्रावक चाहे वह किसी भी पद पर हो यदि पूर्ण सम्मान नही दर्शाता तो स्पष्ठ कह देते हैं ।
आज आपका सेंती ( चितौड गढ) में चोपनवा दीक्षा दिवस संघ के तत्वाधान में जैन दिवाकरीय , तप चक्रेश्वरी महासती उप – प्रवर्तीनी श्री अरुण प्रभाजी की उपस्थिती में सजोड़े जाप व गुणानुवाद के रूप में मनाया जारहा हे । आज के इस पावन प्रसंग पर आपके उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हुए कोटिशः वंदन – अभिनंदन करता हूं!
और प्रभु व गुरुदेव से प्रार्थना करता हूं कि आप शिघ्र स्वस्थ हो।