प्रेम और सद्भाव का निर्माण करना विश्व के सभी धर्मों का मुख्य लक्ष्य है – राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

ताल (जैन स्थानक भवन)। सामाजिक समरसता जब धर्म के नाम पर तार-तार होती हो उसे बड़ा अधर्म और कुछ नहीं हो सकता। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने संबोधित करते कहा कि विश्व की संपूर्ण आत्माएं समान है सभी में प्रेम और सद्भाव का निर्माण करना विश्व के सभी धर्मों का मुख्य लक्ष्य है। मुनि कमलेश ने कहा जिसके माध्यम से कड़वाहट पैदा होती है नफरत फेलती है मानव मानव के खून का प्यासा हो जाता है वह शैतान और राक्षस से कम नहीं है।
राष्ट्र संत ने स्पष्ट कहा कि उपासना बाहरी पद्धति भिन्न भिन्न होने पर उसके नाम पर टकराव हिंसा पैदा होना अक्षम्य अपराध है आतंकवाद की जननी है परमाणु बम से खतरनाक है । जैन संत ने कहा कि इतिहास साक्षी है हथियारों से जितना खून खराबा नहीं हुआ उसे अनंत गुना ज्यादा धार्मिक कट्टरता उन्माद से हुआ है घनश्याम मुनि ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि कौशल मुनि ने विचार व्यक्त किए । 16 मई को नागेश्वर पारसनाथ, 19 मई तक महिदपुर पधारने की संभावना है। 27 या 28 मई तक उज्जैन की संभावना है । 4 जून को वहां से बिहार करके 11 जून को इंदौर शहर में प्रवेश का संभवतः कार्यक्रम बन रहा है।