डेंगू से बचाव संबंधी शपथ समारोह एवं जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन

रतलाम 15 मई 2023। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम ‘हेम्स पार्टनरशिप टू डिफिट डेंगू’ अर्थात डेंगू को हराने के लिए साझेदारी का उपयोग करें। डेंगू दिवस के आयोजन में आमजन को डेंगू से बचाव संबंधी निर्देश प्रदान करने के साथ-साथ शपथ समारोह एवं जागरुकता कार्यशालाओं का आयोजन जिले के विकासखण्डों से ग्राम स्तर तक किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने बताया कि डेंगू जागरुकता हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ-साथ जिले के समस्त विकासखण्डों तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर भी डेंगू दिवस के अवसर पर डेंगू से बचाव हेतु शपथ आयोजित करवाई जाएगी। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू से बचाव हेतु ग्राम स्तर तक अभियान चलाया जाएगा। ग्राम स्तर पर नारे लेखन कर आमजन को सात दिवस के अन्दर घर पर, आसपास जमा पानी में लार्वा न पनपे संबंधी दिशा-निर्देशों से अवगत करवाकर पेम्पलेट वितरित किए जाएंगे। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण हेतु इसके बारे में जानकारी, लक्षण, उपचार तथा नियंत्रण की जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है।
डेंगू क्या है – डेंगू डेन वायरस से फैलने वाला संचारी रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय प्रायः सुबह या शाम के समय ही काटता है। डेंगू को कोई टीका या दवा नहीं है, मच्छरों के लार्वा का विनिष्टीकरण ही इसका एकमात्र उपाय है। एक बार शरीर में डेन वायरस का संक्रमण होने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण 5-6 दिन पश्चात प्रकट होते हैं। इस अवस्था में रोगी को मच्छरदानी में पूर्ण आराम करने, शिकंजी, नींबू पानी, ओआरएस, नारियल पानी, ग्लुकोस आदि द्वारा शरीर में जलापूर्ति की सलाह दी जाती है।
लक्षण – सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे की ओर दर्द, शरीर पर लाल चकते या दाने, जोडों व पेशियों में दर्द होना दिखाई देता है। डेंगू घातक अवस्था में पहुंचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसूडों या आंतों में रक्त का स्त्राव होना अथवा खून में प्लेटरेट का कम होना लक्षण पाए जाते हैं।
बचाव – डेंगू मच्छर के लार्वा घर के साथ पानी में पनपते हैं, बचाव हेतु घरों में लंबे समय तक बर्तनों में जल संग्रह न करें, कूलर की पुरानी घास को जला दे क्योंकि पुरानी घास में डेंगू मच्छर के अण्डें सुखी अवस्था में रहते हैं। कूलर का पानी सप्ताह मे एक बार खाली करें। घर के अन्दर रखे बर्तनों, पक्षियों के सिकोरे व मवेशियों को पानी पिलाने की टंकियों व कंटेनरों की सफाई करें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। घर में मच्छर भगाने वाली मेट, काइल, लिक्विड का उपयोग अवश्य करें तथा सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।