सामान्य जीवन में भी दोहरा चेहरा रखकर नहीं जीना चाहिए- शासन दीपक आदित्य मुनि

रतलाम। राम महिमा महोत्सव चातुर्मास के अंतर्गत आदित्य मुनि मसा ने फरमाया कि जो लोग दोहरा चेहरा रख कर जीते हैं वह कहीं भी सुख नहीं पाते गुरु की शरण में है रहने वाला शिष्य हमेशा यथार्थ जीवन जीता है जिस प्रकार धर्म स्थल पर मानव स्वभाव है उसी प्रकार परिवारिक व्यवसायिक सामाजिक लौकिक सभी स्थानों पर व्यवहार समान होना चाहिए यह सीख गुरु माता पिता मालिक की शरण में रहने से मिलती है हमारे विकार दूर होते हैं उनका आचरण सिद्धांत गुण व्यवहार कार्यशैली पल पल पर जीवन जीने की कला सिखाती है किताबी ज्ञान के बाद अनुभव हमें उनकी शिक्षा रोक टोक नियम सही मिलते हैं नहीं तो व्यक्ति जिंदगी भर ठोकर खाता दिखती है हमें ये भी सिखाते हैं दौहरे चेहरे का उपयोग नहीं करना वह दोहरे मापदंड को दर्शाता है दोहरीकरण से चलने वाला व्यक्ति कभी सफल नहीं हो पाता। सभा का संचालन संघ अध्यक्ष सुदर्शन पीरोदिया द्वारा किया गया। उक्त जानकारी साधुमार्गी जैन संघ के प्रीतेश गादिया द्वारा दी गई की आज सभा में प्रतापगढ़ इंदौर दिल्ली से वीर (चरित्र आत्माओं )के परिवारजन सभा में पधारे दर्शन और प्रवचन का लाभ लिया व आगे नीमच गुरुदेव दर्शन हेतु पधारेंगे।