इंदौर महावीर भवन 19 अगस्त 2023 । स्वयं की आत्मा आलोचना किए बिना की गई साधना मुर्दे को सिंगर करने के समान है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने उपाध्याय श्री केवल मुनि जी की जयंती पर संबोधित करके कहा कि अपने द्वारा की गई पापों की आलोचना करके पापी आत्मा भी पवित्र आत्मा बन जाती है। उन्होंने कहा कि आत्म साक्षी से परमात्मा के सामने शुद्ध मन से शुद्ध बाल भावों से जब तक पापों की आलोचना नहीं करता तब तक विश्व के किसी धर्म में प्रवेश नहीं है।
मुनि कमलेश ने बताया कि आलोचना से बढ़कर और कोई तप नहीं है आत्मा की भूमि पवित्र और शुद्ध हो जाती है और शुद्ध दिलों में ही धर्म और परमात्मा का निवास होता है।
राष्ट्रसंत ने कहा कि दूसरों की आलोचना से बढ़कर और कोई पाप और अधर्म नहीं है जो अपनी आत्मा को मलिन बनता है।
जैन संत ने बताया कि भूल को भूल स्वीकार न करें वह कितनी कठोर साधना कर ले कर्म बंधन का कारण ही बनेगा रमेश भंडारी प्रकाश भटेवर ने उपाध्याय जी के जीवन पर प्रकाश डाला सामूहिक दया दिवस के रूप में जयंती मनाई गई कौशल मुनि ने मंगलाचरण किया घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए तपस्वी अक्षत मुनि जी का 21 वा उपवास हे 20 अगस्त को प्रातः 9:00 बजे महावीर भवन में मालव केसरी श्री सौभाग्य मुनि जी की पुण्यतिथि जीव दया दिवस के रूप में मनाई जाएगी।