सावन के अंतिम सोमवार को शहर होगा धर्ममय

सभी शिव मंदिरों की झांकियां निकलेगी एक समय एक रूट पर

रतलाम । प्रतिवर्ष सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव की विभिन्न मंदिरों से निकलने वाली सवारियाँ अब इस वर्ष 28 अगस्त सोमवार को सामूहिक रूप से निकलेंगी। इस बात की सहमति सभी मंदिर व्यवस्थापकों के प्रतिनिधियों ने आज स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती की उपस्थिति में गढ़ कैलाश मंदिर परिसर में आयोजित एक बैठक में व्यक्त की। सनातन धर्म में शिव भक्ति का विशेषकर श्रावण मास में अपना विशेष महत्व रहता है। इस कारण से सभी मंदिर प्रमुखो की भावना भी सकारात्मक थी।
बैठक में समाजसेवी अनिल झालानी ने रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सवारियाँ निकालने वाले सभी समितियों की भावना से परस्पर अवगत कराते हुए कहा कि पृथक-पृथक मंदिरों की झांकियां अपने पूर्व निर्धारित मार्गो पर कई वर्षों से अपने निश्चित समय पर निकाले जाने की परंपरा चली आ रही है। इसमें सभी सवारियों के मंदिर वाले थोड़ा-थोड़ा सुधार व संशोधन करने पर सहमत हुए है। श्री झालानी ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार अब इस वर्ष चांदनी चौक से लगाकर रानीजी के मंदिर तक श्री गढ़ कैलाश, श्री त्रिनेत्र महादेव, श्री सिद्धेश्वर महादेव, श्री, टेकेश्वर महादेव, श्री गुप्तेश्वर महादेव, श्री धनेश्वर महादेव मंदिरों की झांकियां एक साथ एक ही मार्ग पर आगे पीछे सामूहिक रूप से निर्धारित समय अनुसार निकलेंगे। सावन के तिसरे सोमवार को झांकी निकालने वाले श्री लोकेन्द्रनाथ महादेव मंदिर भी इसमें सम्मिलित होने की संभावना है।
स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज आवश्यकता अपने-अपने अहम को त्याग कर धर्म के लिए एकजुट होने की है। एक साथ झांकियां निकालने से धर्म प्रेमी जनता को सभी झांकियां एवं भगवान के दर्शन करने में सुविधा होगी और अधिकाधिक दर्शनार्थी इन सवारियों को निहारने का धर्मलाभ ले सकेंगे। स्वागत करने वाले और मंच बनाने वालो को भी सुविधा होगी। सनातन समाज संगठित होता जा रहा है जिसे और मजबूत कर नई पीढ़ी को सक्रिय करना है।
सामूहिक सवारियाँ निकालने का कार्यक्रम स्व अनुशासित और बिना किसी समिति या मंच के अधीन स्वयमेव चलेगा। सवारियों के समन्वय का दायित्व श्री राजू भाई हॉकी को दिया गया ।
बैठक में मंदिरों के प्रतिनिधिगण सर्वश्री सतीश राठौर, सतीश भारतीय, मनोज यादव, मयूर शर्मा, प्रवीण वाघेला, लकी पांडे, सुरेश शर्मा, कैलाश राठौड़,  नारायण जी, कैलाश चौहान, जुगल पंड्या, हेमंत अजमेरा, नरेश पाटीदार, जितेंद्र हाड़ा, ओम पुरोहित, कपिल व्यास आदि उपस्थित।