अंतरंग की प्रदूषण को समाप्त करने के लिए पर्यूषण पर्व की आवश्यकता है – अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 प्रमुख सागरजी महाराज

अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 प्रमुख सागरजी महाराज ने कहा की कल से दिगम्बर समाज के पयुर्षण पर्व चालु होगें, उसका महत्व बताया

जावरा (अभय सुराणा)। पयुर्षण पर्व महापर्व है जैसे तीर्थो में तीर्थ राज समेद शिखर है ऐसे मन्त्रों में महामन्त्र णमोकार मन्त्र है सन्तो मैं सन्त शांति सागर है ऐसे हे पर्वो में पर्व राज पर्यूषण पर्व है । बाहर के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए पर्यावरण की आवश्यकता है अंतरंग की प्रदूषण को समाप्त करने के लिए पर्यूषण पर्व की आवश्यकता है जीवन में 10 धर्मों के माध्यम से यह जीवो मुक्त हो जाता है उत्तम क्षमा ,मार्दव,आर्जव, सोच, सत, संयम, तप, त्याग, अकिंचन्द, ब्रह्मचर्य यह 10 धर्म है जो हमारे व्यहवारिक जीवन को सुधारते है जैसे क्रोध नही करना, अहंकार नही करना, छल कपट नही करना, लोभी नही बनना, झूठ नही बोलना, पाप प्रवर्ति नही करना, जीवन में तपस्या को स्वीकार करना, कुछ वस्तुओ का त्याग करना और शून्यता को प्राप्त होना तभी उत्तम ब्रह्मचर्य को स्वीकार कर सकते हो यही 10 धर्म है । आचार्य श्री ने कहा कल से आप सभी लोग अपने अपने घरों में यूट्यूब पर प्रमुख वाणी और फेसबुक पर प्रमुख वाणी लाइव टेलीकास्ट दसों धर्म का लाभ लेवे और मर्यादा बनाकर ही अपन जीवन जिए तो ही कल्याण होगा। यह जानकारी चातुर्मास समिती प्रवक्ता रितेश जैन दी।