सुख को पाना है तो धर्म की आराधना करो- मुनिराज ज्ञानबोधी विजयजी म.सा.

रतलाम, 26 सितंबर 2023। वर्तमान दौर में हर कोई सुख को पाने की लालसा में भटक रहा है लेकिन किसी को यह नहीं पता कि सुख मिलेगा कहां। यदि आपको सुख चाहिए तो फिर धर्म की आराधना करना पडे़गी, तो ही सुख की प्राप्ती होगी। अन्यथा आप इसकी तलाश में भटकते ही रहोगे। यह बात आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य मुनिराज ज्ञानबोधी विजयजी म.सा. ने सैलाना वालों की हवेली मोहन टाॅकीज में प्रवचन के दौरान कही।
मुनिराज ने कहा कि मनुष्य भव मिला है तो उसमें स्टेबल पर्सन, स्टैंड पर्सन और स्टार्ट पर्सन बने तो ही जीवन में सफलता प्राप्त होगी। जीवन में चाहे जो परिस्थिति बने उसमें हमे स्टेबल रहना चाहिए। कभी आपत्ति आए तो स्टैंड रहकर आप प्रभु से प्रार्थना करे। साथ ही प्रभु भक्ति के साथ धर्म के मार्ग पर चलने के लिए हमेशा तैयार रहे। हमारे जीवन में हमारी भाषा और बोली का बड़ा महत्व है। कई बार हम बोलने में अपनी भाषा और शब्दों का ठीक से प्रयोग नहीं करते है, उसे सुधारना होगा। किस व्यक्ति से किस प्रकार से बोलना चाहिए, इसका ध्यान रखना होगा। हमारी भाषा से ही स्वभाव में विनम्रता आएगी।
मुनिराज ने कहा कि आज हम सुख प्राप्ति के लिए इधर-उधर भटक रहे है लेकिन सुख या कुछ और भी मांगना है तो सिर्फ प्रभु से मांगों और किसी के आगे झुकने की जरूरत नहीं है। हमें जो कुछ भी मिल सकता है, वह सिर्फ प्रभु ही हमे दे सकते है और कोई नहीं। प्रवचन में के दौरान बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।