झुमरीतिलैया (कोडरमा)। जैन धर्म का महान पर्व दसलक्षण पर्यूषण का अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर्व भव्य शोभा यात्रा और भगवान के जयकारे के साथ जैन संत गुरुदेव सुयश सागर जी के सानिध्य में मनाया गया।
बड़ा मंदिर डॉक्टर गली से ऐतिहासिक नगर भ्रमण शोभा यात्रा निकाली गई बासु पूज्य भगवान को रथ में बैठा कर भक्तजनों ने नगर भ्रमण कराया, सभी 45 दसलक्षण लक्षण व्रत धारी को स्वागत अभिनंदन करके घोड़ा बग्घी गाड़ी में बैठाया गया रथ, पालकी, घोड़ा ,गाड़ी चौपारण बैंड नगाड़ा बैंड तिलैया का शब्बीर बैंड ताशा पार्टी म्यूजिशियन गाड़ी संगीतकार झंडा बैनर स्लोगन जैन स्कूल बच्चों का बैंड शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र रहे महिलाएं पुरुष बच्चे सभी केसरिया और श्वेत वस्त्र में पैदल चल रहे थे रथ में सारथी कुबेर अपनी भूमिका निभा रहे थे तीन लोक के नाथ भगवान बासपूज्य की आरती जगह-जगह लोगों ने की जैन समाज के भजन सम्राट सुबोध गंगवाल, ने अपने भजनों से लोगों को आनंदित कर दिया और झूमने पर मजबूर कर दिया, जैन धर्म गुरुदेव मुनि सुयश सागर जी के जयकारे से पूरा शहर गुंजायमान हो गया, रास्ते में जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए लोगों ने रास्ते में भगवान और गुरुदेव की आरती की, नया मंदिर पानी टंकी रोड में शोभा यात्रा समाप्त हुई आज प्रातः भक्तजनों ने “उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म ” मनाया अनंत चतुर्दशी की पूजा ,बड़े ही धूमधाम से सैकड़ो लोगों ने अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा भगवान बासुपूज्य जी का मोक्ष कल्याणक बनाया गया निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य सरोज अंकुर पापड़ीवाला कोडरमा निवासी,रांची प्रवासीपरिवार को मिला जैन संत गुरुदेव सुयश सागर गुरुदेव ने अपनी पीयूष वाणी मे भक्तजनों को कहा कि आत्मा में लीन हो जाना ही ब्रह्मचर्य धर्म है ,जब मनुष्य अपने आप में लीन हो जाता है जहां पर किसी प्रकार की विकृति नहीं होती है साधना की परम अनुभूति का अनुभव होता है वही ब्रह्मचर्य है, जैन दर्शन में ब्रह्मचर्य का श्रेष्ठ स्थान है इसके बिना सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकते हैं, जहां ब्रह्मचर्य है वही समस्त सिद्धियों का आधार स्थल है वही ईश्वर है जो जीवन दूर से ही स्वर्णिम चमकता दिखाई देता है वही जीवन श्रेष्ठ है बिना ब्रह्मचर्य के भगवान नहीं बना जा सकता है, ब्रह्मचर्य धर्म वासना से नहीं साधना से सिद्ध होती है,भारत देश वासना से नहीं साधना के कारण विश्व में सर्वश्रेष्ठ है ,यहां पर तीर्थंकर ऋषि मुनि ने जन्म लिया है अध्यात्म संस्कृति ही हमारी संस्कृति हैं, रावण अपनी वासना के कारण बदनाम हुआ, परंतु भगवान राम का इतिहास शील और वात्सल्य से सुसज्जित था, जिसके कारण वह सभी के प्रिय बनते गए, पाश्चात्य संस्कृति जीवन को दुर्गति की ओर ले जाती है आज के युवाओं को इससे बचने की आवश्यकता है, कीचड़ में कमल की तरह खिल जाना ही हमारे जीवन की विशेषता है ,भोग से योग में जीवन लगाना ही सबसे बड़ी साधना है, मन को जीतने वाला ही ब्रह्म में पहुंच सकता है, ब्रह्मचर्य के पथ पर चलने के लिए चार सूत्र को हमेशा ध्यान रखें, स्वस्थ मानसिकता होनी चाहिए, इंद्रियों पर नियंत्रण होना चाहिए, अच्छी संगति होनी चाहिए, और ईश्वर की भक्ति आराधना में ध्यान लगाना चाहिए, मित्र ऐसा हो जो मंदिर की ओर ले जाए मदिरालय की ओर नहीं आज रथ में सारथी बनने का सौभाग्य सौरभ काला को मिला भगवान को हाथ में लेकर बैठने का सौभाग्य पूरणमल की विजय सेठी परिवार को मिला कुबेर बनने का सौभाग्य श्रीमान किशोर जी प्रमोद जी अड़ंगाबाद परिवार को मिला भगवान को चवर हिलाने का सौभाग्य सुशील काला विकास पटौदी शैलेश छाबड़ा अंकुर पापड़ीवाल को मिला नया मंदिर में पालकी में विराजमान भगवान बासु पूज्य का पूजा अभिषेक शांति धारा की गई भगवान के शांति धारा सेमंत्रित लॉन्ग की माला और चांदी की माला लेने का सौभाग्य सुशील कुमार अभिषेक कुमार जोंटी स्नेहा मोही काला परिवार को मिला पूरे समाज के लोगों ने बैंड बाजा के साथ उनके परिवार को घर तक पहुंचाया
प्रात: जैन संत गुरुदेव सुयश सागर जी के मुखारविंद से नया मंदिर जी में महा शांति धारा का पाठ किया गया मुलायक 1008 महावीर भगवान का प्रथम अभिषेक व शांति धारा का सौभाग्य हनुमान नवीन पाटनी परिवार को मिला भगवान आदिनाथ की शांति धारा निर्मल जी दिनेश नरेश वैभव झंझरी परिवार को मिला शांतिनाथ भगवान की कलश का सौभाग्य अजय रूपेश मुकेश विनोद गंगवाल परिवार को मिला भगवान मुनि सुब्रत नाथ की शांति धारा का सौभाग्य जुगल किशोर संदीप संजय आशीष सेठी परिवार को मिला पारसनाथ भगवान की शांति धारा का सौभाग्य महावीर प्रसाद जी आनंदपांडया को मिला बड़ा मंदिर मेंपारसनाथ भगवान का प्रथम अभिषेक में शांति धारा सुरेंद्र जी सौरभ काला परिवार को मिला पंडाल में प्रथम अभिषेक व शांति धारा रजत कलसा से करने का सौभाग्य ललित जी सृष्टि अजमेरा परिवार को मिला पारसनाथ भगवान की मूल बेदी में अभिषेक शांति धारा का सौभाग्य 10 लक्षण व्रत धारी परिवार को मिला पंडाल में स्वर्ण कलसा से शांति धारा का सौभाग्य सुरेंद्र जी सौरभ काला परिवार को मिला मंदिर में दीप प्रज्वलन शास्त्र भेंट चरण प्रक्षालन का सौभाग्य भी इन्हीं परिवार को मिला, कार्यक्रम के संयोजक नरेंद्र झाझंरी समाज के पदाधिकारि, महिला समाज, जैन युवक समिति, शोभा यात्रा के मुख्य संचालक अजय सेठी बॉबी, के सहपाठी मैत्री समूह, ने विशेष योगदान दिया पार्षद पिंकी जैन समाज के मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा,नविन जैन ने सभी व्रत धारियों के व्रत की अनुमोदना की और बधाई दी,