जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज साहब की संत परंपरा को दीपायमान कर रहे है उपप्रवर्तक श्री अरुण मुनि जी मसा एवं सेवाभावी श्री सुरेशमुनि जी मसा

जावरा (अभय सुराणा)। दिवाकर भवन जावरा पर वर्षावास हेतु आचार्य सम्राट ध्यान योगी डॉ. शिवमुनि जी महाराज साहब के आज्ञानुवर्ती निद्राविजेता घोर तपस्वी पूज्य गुरुदेव लाभ मुनि जी महाराज साहब के सुशिष्य नवकार आराधक तपोविभूति पूज्य गुरुदेव उपप्रवर्तक श्री अरुण मुनि जी महाराज साहब, सेवाभावी श्री सुरेशमुनि जी महाराज साहब सुखसाता पूर्वक विराजित है श्रीसंघ अध्यक्ष इंदरमल दुकडिय़ा ने बताया कि शेगांव (महाराष्ट्र) निवासी श्री शंकरलाल जी जैन एवं ममता देवी जी जैन के यहां गुरुदेव का जन्म हुआ एवं मात्र 15 वर्ष की अल्पायु में पूज्य गुरुदेव तपस्वीराज श्री लाभचंद्रजी महाराज साहब से राजस्थान के ब्यावर शहर में जैन मुनि दीक्षा अंगीकार कर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कश्मीर, हरियाणा, बंगाल, आदि अनेक राज्यों में अहिंसा यात्रा के माध्यम से पद भ्रमण किया। जो कि वर्तमान में भी जारी है। 1974 से 1990 तक गुरुदेव लाभ मुनि जी महाराज साहब की पावन निश्रा में चातुर्मास किये हैं । तत्पश्चात आपके सांसारिक भ्राता सेवाभावी श्री सुरेश मुनि जी महाराज साहब के साथ आप चातुर्मास करते हुए आचार्य खूबचंद जी महाराज साहब एवं जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज साहब की संत परंपरा को दीपायमान कर रहे हैं। विगत 30 वर्षों से आप प्रति रविवार, मंगलवार, गुरुवार, को उपवास एवं प्रति शनिवार एकासन व्रत कर रहे हैं। आप जिस भी क्षेत्र में विचरण करते हैं वहां घर-घर महामंत्र नवकार के जाप के प्रेरणा देते हैं। प्रतिदिन दोपहर 12 से 2 बजे तक एवं प्रत्येक गुरुवार को संपूर्ण दिवस आपके द्वारा मोन साधना की जाती है। वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते एवं इसके दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए प्रतिदिन प्रात: 9 से 10 बजे दिवाकर भवन पर महामंत्र नवकार के जाप चलाए जा रहे हैं । जिसमें श्रावक श्राविकाएं उत्साह से भाग लेकर अपने कर्मों की निर्जरा कर रहे हैं। संपूर्ण सितंबर माह के जाप की प्रभावना के लाभार्थी कोलकत्ता निवासी श्रीमती जयश्री बेन नवीनचंद्र जी दोशी की प्रेरणा से श्रीमान केतन भाई दोशी हैं ।श्रीसंघ उपाध्यक्ष ओम जी श्रीमाल, सुरेंद्र जी मेहता,महामंत्री कनकमल चौरडिया,कोषाध्यक्ष महावीर छाजेड़ ने समाजजनों से अपील की है अधिक से अधिक जाप में पधार कर धर्म की प्रभावना करें एवं दर्शन वंदन का लाभ लेवें।