लायंस क्लब का सम्मान समारोह आयोजित

रतलाम। लायस क्लब का आयोजन डिस्ट्रिक्ट 3233 जी 1-रविन्द्र नाट्यग्रह मंच इंदौर मे लायंस में 25 वर्षो से अधिक अपना योगदान देने वाले लायन मित्रों और इंटरनेशनल में 1000 डॉलर से अधिक की सहयोग राशि देने वाले लायन साथियों का सम्मान… और उससे से भी बढ़कर समाज और देश हित के लिए अपना योगदान देने वाली विभूतियों को लायंस गोल्ड अवार्ड से सम्मानित करना और उसका साक्षी बनना हर लायंस के लिए बड़े ही गर्व की बात है । लायंस के मंच से हमारे अतिथियों PID लायन राजू मनवानी जी एवं ID लायन जितेंद्र चौहान जी द्वारा अपने अपने क्षेत्र में महारथी हस्तियों को सम्मानित करने का अवसर अद्भुत और अविष्मरणीय था । डिस्ट्रिक्ट के डायनामिक लायन लीडर PMCC लायन डॉ. कुलभूषण जी मित्तल एवं डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लायन यश शर्मा जी , प्रथम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर योगेंद्र रुनवाल द्वितीय डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनिल जी खंडेलवाल और सभी पदाधिकारी मौजूद थे लायंस क्लब ऑफ रतलाम ग्रेटर अध्यक्ष लायन मयंक कठियारी ने यह बताया कि हमारे क्लब को भी दो अवार्ड प्राप्त हुए, लायन एमजेएफ रवि बोथरा और लायन एमजेएफ सीमा बोथरा ,रतलाम के अन्य क्लब भी के भी एमजेएफ के अवार्ड प्राप्त हुए लायन योगेंद्र जी रुनवाल,लायन वीणा छाजेड, लायन अशोक डख, लायन बी .के .जोशी, लायन गोपाल जोशी ,लायन सुलोचना शर्मा , लायन संतोष राजपुरोहित आदि को अवार्ड प्राप्त हुए । साथ ही ID लाइन जितेन चौहान जी का भाषण इतना गजब था की लायन वाद के दिलों में बस गया । लायन जितेंद्र जी चौहान जी ने सभा में दो-तीन बातें ऐसी कही जो लायन वाद के दिल में बस गई उन्होंने कहा यह दबदबा ,रुतबा, शोहरत, यह दौलत सब किराएदार है यह सब घर बदलते रहते हैं कभी किसी के घर में तो कभी किसी के घर में इसमें केवल अपना कैरेक्टर, गुमान, चरित्र ,ही स्थाई रहता है जो आगे बढ़ाने के काम आता है इसलिए आप भी पीछे मुड़कर मत देखे आगे बढ़ते चले । कुछ ऐसा कर गुजरे जो लाइन इंटरनेशनल में नाम हो ,उन्होंने कहा ,एक बात इस लायंस मंच के माध्यम से कहना चाहता हूं । भगवान श्री राम भी रावण से युद्ध कर जब अयोध्या से लौटे थे तो उनकी मां कौशल्या ने पूछा, बेटा रावण को मार दिया ? राम ने कहा रावण को मैंने नहीं मारा मां ,रावण महान विद्वान, तीनों लोको का ज्ञाता, महान ज्ञानी, महात्मा,महान पंडित, दुनिया के काल को बस में रखने वाला रावण को मैंने नहीं मारा उसके “मैं ” ने मारा है इसलिए पद तो आते जाते रहते हैं पद की गरिमा को बनाए रखते हुए लक्ष्य के आधार पर आगे बढ़ते रहें बोलने वाले बोलते रहेंगे। में लायनवाद को एक बात और शेयर के माध्यम से कहना चाहता हूं कि, मैं रेत पर कभी नाम लिखना नहीं , रेत का लिखा नाम टिकता नहीं , मैं तो लिखता हूं नाम दिलों पर ,दिलों का नाम कभी मिटता नहीं ।