जोधपुर । हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है हिंसा से उठने वाली हिंसा की लपटें अपने और पराए को नहीं दिखती है उसमें सभी जलकर स्वाह हो जाते हैं उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने आचार्य प्रवर राजतिलक सुरीश्वर से परस्पर चर्चा के दौरान व्यक्त करते कहा है कि विश्व का कोई धर्म हिंसा की इजाजत नहीं देता है तोडफ़ोड़ और हिंसा लोकतंत्र के नाम पर कलंक है ।
उन्होंने कहा कि आग से आग को नहीं बुझाई जा सकता वैसे हिंसा से हिंसा को तीन ताल में समाप्त नहीं किया जा सकता अहिंसा महा शक्ति ही विश्व को विनाश से बचा सकती है । जैन संत ने स्पष्ट कहा कि अहिंसा के बलबूते पर अनशन और सत्याग्रह के माध्यम से अपनी मांगों को उठाया जा सकता है सरकार तो क्या संसार तक को झुकाया जा सकता है । राष्ट्रसंत ने कहा कि हिंसा के मार्ग पर चलकर कोई भी जाती कोम या देश ऊंचाइयों को नहीं छू सकता है समस्या का समाधान ही परस्पर वार्ता।
मुनि कमलेश ने कहा कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले देशद्रोही से कम नहीं हो सकते हैं हिंसा और जाम से रोगी फस जाते हैं मौत के शिकार हो जाते हैं न्यायोचित मांग सरकार को तत्काल स्वीकार करनी चाहिए । दोनों महापुरुषों ने संयुक्त अपील जारी करते हुए देश में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की व्यथित मन से कहा कि कानून किसी को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती पूरा देश कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है मार्ग अवरुद्ध करना संकटकाल में हिंसा फैलाना हैवानियत है मोक्ष तिलक सुरीश्वर घनश्याम मुनि जी ने विचार व्यक्त किए