जैन दिवाकरीय संघ नायक श्री उपाध्याय मुलमुनिजी के 99 वें जन्मदिवस पर जैन दिवाकर विचार मंच की जोधपुर शाखा द्वारा काढ़ा वितरित किया गया

जोधपुर । शराब तंबाकू गुटखा आदि व्यसन रूपी कीड़े बीमारी पैदा करके शरीर को खोखला कर देते हैं संस्कारों की होली और चरित्र का नाश कर देते हैं नशा नाश का द्वार है । उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने शताब्दी गौरव उपाध्याय श्री मूल मुनि जी के 99 जन्मदिवस पर अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली जिला शाखा जोधपुर की ओर से कोरोनावायरस को मिटाने के लिए काढ़ा पिलाओ अभियान को संमबोधित करते कहा कि अपराध और बुराई की जननी है नशा परिवार मानसिक रोगों का शिकार बनाता है। 
उन्होंने सरकार के दोहरे कानून पर कड़े प्रहार करके कहा कि सरकार नशाबंदी की बातें भी करती है और शराब के लाइसेंस भी देती है गुटके के उपयोग पर प्रतिबंध लगाती है तो फिर उत्पादन पर क्यों नहीं । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि व्यसनी आदमी के लिए ऋण मुक्ति अभियान फूटे मटके में पानी भरने के समान है इनको सहायता करना भी घी को राख में डालने के समान है । मुनि कमलेश ने कहा कि व्यसनी आदमी को विश्व के किसी धर्म में प्रवेश नहीं है नशा धार्मिकता के नाम पर कलंक है । जैन संत ने बताया कि नशा आतंकवाद से भी अनंत गुना है आतंकवादी दो-चार पर हमला कभी-कभी करते हैं लेकिन नशा लाखों लोगों को अकाल मौत का शिकार बनाता है जिलाध्यक्ष विशाल मेहता, सचिव मनीष जैन, दीपचंद टाटिया, गिरधारी लाल नागोरी कटारिया ने भी व्यसन मुक्त समाज निर्माण का संकल्प लिया।