पुरुष प्रधान मानसिकता अपने आप में हिंसा का द्योतक है, नारी को दूसरे नंबर का दर्जा देना अनाधिकार चेष्टा है- राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर। पुरुष प्रधान मानसिकता अपने आप में हिंसा का द्योतक है नारी को दूसरे नंबर का दर्जा देना अनाधिकार चेष्टा है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर गोसेवा महिला मंडल को महावीर भवन निमाज की हवेली मैं संबोधित करते कहा कि 21वीं सदी में आज भी बालक और बालिकाओं के लालन-पालन पढ़ाई लिखाई में भेदभाव करना घोर अन्याय और पाप है।
जैन संत ने बताया कि इतिहास साक्षी है राजा दशरथ के साथ रानी ने युद्ध भूमि में आपने वीरता और पराक्रम की भूमिका निभाई उस इतिहास को ताजा करने की आवश्यकता है।
राष्ट्र संत ने कहा कि बालिकाओं को प्रतिभा विकसित करने का अवसर मिले तब इसमें नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि विकास की धुरी बालिका ही है वह जितनी सशक्त और मजबूत होगी अपना ही भविष्य उज्जवल होगा। मुनि कमलेश ने स्पष्ट कहा कि जिस घर में नारी को सम्मान मिलता है इस घर में देवताओं का निवास होता है गोसेवा महिला मंडल की अध्यक्षा क शकुंतला नागोरी उपाध्यक्ष पिस्ता बागरेचा सह मंत्री सुशीला मेहता संगठन मंत्री सुशीला छाजेड़ कोषाध्यक्ष प्रेमलता गोलिया ने बालिकाओं का आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया।