संदेह, शंका आत्म साधना का सबसे खतरनाक शत्रु है – राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई मेवाड़ साधना सदन ठाकुरद्वारा 29 जून 2024 । संदेह, शंका और संशय जीवन में आने पर परस्पर अविश्वास जन्म लेता है जो अपने आप में अधर्म और पाप है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि इससे जीवन में अस्थिरता आने से मनुष्य सफलता से वंचित हो जाता है।
उन्होंने कहा कि शंका आत्म साधना का सबसे खतरनाक शत्रु है जो सम्यक का नाश करती है और मनुष्य साधना मार्ग से पृथक हो जाता है वर्षों के रिश्ते पल भर में टूट जाते हैं।
मुनि कमलेश ने कहा कि आराधना साधना मैं शंका उत्पन्न होने पर श्रद्धा को कुचल देता है आस्तिक से नास्तिक बन जाता है।
राष्ट्र संत ने कहा कि शंका का तत्काल समाधान कर लेना चाहिए नहीं तो उससे कुंठा निर्मित होती है शांति सद्भाव समाप्त होकर डिप्रेशन ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक जैसे लोगों का शिकार हो जाता है। जैन संत ने बताया कि कानों से सुना और आंखों से देखा भी झूठ हो सकता है हम सुनी सुनाई बातों पर विश्वास ना करें।
महासती आरजू जी ने कहा कि शंका आने पर सारी साधना मिट्टी में मिल जाती है वरदान के स्थान पर अभिशाप बन जाता है। महा सती विश्वास जी ने कहा कि महापुरुषों के सानिध्य में शंकाओं का समाधान करके आत्मा को निर्मल और पवित्र बनाना चाहिए। अक्षत मुनि ने मंगलाचरण किया कौशल मुनि घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए। श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ की ओर से संतों का अभिनंदन किया गया। 30 जून का प्रवचन होने के बाद बालकेश्वर जैन स्थानक भवन में 1 जुलाई को गुजराती संप्रदाय के आचार्य के साथ सामूहिक प्रवचन होंगे।