राज्यपाल ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि
भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि समाज में शांति सद्भाव और भाई-चारे के वातावरण को मजबूत रखने से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस असामाजिक तत्व एवं राष्ट्र द्रोही ताकतों का पूरी कठोरता के साथ दमन करें। यह भी सुनिश्चित करें कि आमजन स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। कभी किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं हो। श्रीमती पटेल आज लाल परेड मैदान स्थित शहीद स्मारक प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने देश और प्रदेश के सभी शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि मध्यप्रदेश सरकार पुलिस प्रशासन और संपूर्ण प्रशासन उनके साथ है। कार्यक्रम में गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बेस, अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा भी मौजूद थे।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने पुलिस बल का आव्हान किया कि अपने अमर शहीद साथियों की शहादत से प्रेरणा लेकर अपने कर्त्तव्यों का पालन करें। पुलिस समाज का अभिन्न अंग है। उसकी सक्रिय भागीदारी के साथ ही विकास की सोच फलीभूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिये प्रदेश पुलिस द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों को और बेहतरी के साथ जारी रखना होगा। अपराधों की त्वरित विवेचना और अपराधियों को सजा दिलाने में वृद्धि प्रदेश पुलिस की सक्रियता से ही संभव हुई है। यह गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश पुलिस की गणना देश के श्रेष्ठ बलों में की जाती है, जो पहचान पुलिस के जांबाज जवानों ने स्थापित की है उसे और अधिक निखारने की दिशा में सदैव तत्पर रहें।
श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रदेश के नवाचार डायल-100 को देश के विभिन्न राज्यों ने अपनाया है। राज्य में एफआईआर आपके द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करना, ऑनलाईन चरित्र सत्यापन की सुविधा जनसामान्य के लिये उपलब्ध कराना सराहनीय है। उन्होंने हाल ही में मध्यप्रदेश पुलिस की हॉक फोर्स ने बालाघाट जिले में आठ लाख रूपये के इनामी नक्सली बादल को गिरफ्तार करने में सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने दस्यु समस्या के निदान के साथ-साथ नक्सलियों के खात्मे की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। कोरोना संक्रमण की इस वैश्विक महामारी में प्रदेश की पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है। वर्तमान सरकार ने पुलिस बल में वृद्धि के साथ ही उन्हें आधुनिकतम हथियारों और उपकरणों से लेस करने के निर्णय लिये हैं। इन प्रयासों को आगे भी जारी रखने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि हर्ष का विषय है कि पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में कर्मियों के परिजनों को भी लाभ दिया जा रहा है। पुलिस जवानों और अधिकारियों की लगातार कठिन ड्यूटी को देखते हुए उनके परिजनों की सुख-सुविधाओं और कल्याण के प्रति सरकार का पूरा ध्यान है। उन्होंने प्रदेश की शांतिप्रिय जनता की भी सराहना करते हुए कहा कि जनता के अनुशासित एवं भाईचारा पूर्ण आचरण से हमारे प्रदेश की देश में साख बनी है।
पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस देश की अंखडता को चिरस्मरणीय बनाने का दिन है। उन्होंने शहीदो के बलिदान को नमन करते हुए बताया कि पुलिस शहीद दिवस लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में 16 हजार फीट की ऊँचाई पर 21 अक्टूबर 1959 को केन्द्रीय आरक्षी पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के 10 जवान चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उन्ही की स्मृति में देश की समस्त पुलिस इकाईयों द्वारा प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारे प्रदेश पुलिस के सात जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत दी है। शहीद कर्मियों में उपनिरीक्षक स्व. शेर सिंह डोरिया, सउनि स्व. बसंत मिरोसे, सउनि स्व. मायाराम खरारी, आरक्षक स्व. जितेन्द्र सिंह गुर्जर, आरक्षक स्व. दिलीप, आरक्षक स्व. सत्येन्द्र सिंह यादव और आरक्षक स्व. प्रबल प्रताप सिंह शामिल हैं। इनके अलावा कोरोना काल में नागरिकों की रक्षा करते हुए संक्रमित होने के कारण उप पुलिस अधीक्षक स्व. प्रेम प्रकाश गौतम, एसडीओपी स्व. सुरेश शेजवाल, निरीक्षक स्व. देवेन्द्र चंद्रवंशी, निरीक्षक स्व. यशवंत पाल, सउनि स्व. आबू समन खान, प्रधान आरक्षक स्व. बाबूलाल भवेल, प्रधान आरक्षक स्व. दयाराम, आरक्षक स्व. जाफर खान, आरक्षक स्व. शिवराम देवलिया, आरक्षक स्व. विजय घोष और आरक्षक स्व. राकेश राय का निधन हुआ है।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस बैंड द्वारा निकाली जा रही देशभक्ति के गीतों की मधुर धुन के बीच शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। आरंभ में पाल-बेयरर पार्टी द्वारा सम्मान सूची को स्मारक कोष में स्थापित किया गया और शहीद स्मारक को सलामी दी गई। आयोजित परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री आदित्य मिश्रा ने किया। परेड में महिला प्लाटून विशेष सशस्त्र बल एवं जिला बल की संयुक्त टुकड़ी, विशेष सशस्त्र बल की पुरूष प्लाटून, पुलिस बैंड प्लाटून और श्वान दल की टुकड़ियाँ शामिल थी।