धर्म व्यक्ति को रूढ़िवाद, अंधविश्वास, विकृत मान्यताओं के खिलाफ क्रांति का शंखनाद करते हुए सन्मार्ग प्रदान करता है – राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई जैन मंदिर 6 जुलाई 2024 । धर्म व्यक्ति को रूढ़िवाद, अंधविश्वास, विकृत मान्यताओं के खिलाफ क्रांति का शंखनाद करते हुए सन्मार्ग प्रदान करता है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने मूर्ति पूजक करीब 200 साधु साध्वीके समक्ष विचार व्यक्त करते कहा कि भगवान महावीर ने छुआछूत जातिवाद संप्रदायवाद आदि विषमताओं को दूर करके समानता का स्थान प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि धर्म के मूल स्वरूप को प्रतिस्पर्धा उच्च, नीच, धन, बल और बाहुबल से मुक्ति दिलाकर शांति सद्भाव अमन चैन का माहौल मानव समाज में बनाना होगा।
मुनि कमलेश ने बताया कि घूंघट सती दहेज प्रथा आदि से विधवा प्रथा अनंत गुना ज्यादा खतरनाक है जो निर्दोष को नरकी जीवन जीने को मजबूर करता है। राष्ट्र संत ने कहा कि महावीर के उपासकों भी परस्पर सद्भाव और समन्वय ना हो ऐसी बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। जैन संत ने कहा कि हम मिलकर रहेंगे तो युवा पीढ़ी में धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी, शासन की प्रभावना होगी और गुरुओं का सम्मान बढ़ेगा।
रामचंद्र सूरी संप्रदाय के महान आचार्य जगत चंद्र सुरिश्वर जी भाव विभोर होते कहा कि राष्ट्रसंत कमल मुनि जी का अद्भुत अलौकिक साधना के सर का चिंतन संत और समाज दोनों को नई दिशा प्रदान करता है। उन्होंने विधवा को वीरांगना अभियान को समर्थन की घोषणा करते हुए मुनि कमलेश का अभिनंदन किया। जिस पर आज तक किसी का ध्यान नहीं गया इन्होंने मातृ शक्ति को गौरवान्वित करने का नया इतिहास बनाया है। शनिवार को कांदिवली पधारने पर गुरु भक्तों और प्रशासन ने स्वागत किया। 7 जुलाई रविवार को कांदिवली ईस्ट मेवाड़ भवन में प्रातः 9:00 बजे प्रवचन होंगे।