आध्यात्मिक स्वर्णिम इतिहास धर्म के असली प्राण है- राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई कांदिवली गुजराती जैन स्थानक 8 जुलाई 2024 । आध्यात्मिक स्वर्णिम इतिहास धर्म के असली प्राण है हीरे, माणक मोती से भी अनमोल धरोहर है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि इतिहास अनंत काल तक आने वाली पीढ़ी को सन्मार्ग प्रदान करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि त्याग बलिदान सेवा भक्ति के कार्य के बिना इतिहास का निर्माण नहीं होता लाखों करोड़ों में कोई कोई आत्मा इतिहास बनती है । मुनि कमलेश ने बताया कि इतिहास बनाने वाली आत्मा मार के भी दुनिया में हमेशा के लिए अमर हो जाती है विश्व पूजनीय बनती है । राष्ट्र संत ने कहा कि करीब 350 वर्ष पूर्व कोटा संप्रदाय के श्रमण श्रेष्ठ दौलत राम जी महाराज ने ने गुजरात संप्रदाय के परम पूज्यअजरामर गुरु देव को 3 साल तक 32 आगम का ज्ञान प्रदान करके परिपक्व बनाकर गुजरात को एक अनमोल रत्न प्रदान किया।
जैन संत ने बताया कि आज अजरामार एवं कोटा दोनों परंपराओं का आत्मीय मिलन गुरु भाइयों के रुपए हो रहा है असीम आनंद की अनुभूति हो रही है । अजरामर संप्रदाय के आचार्य पूज्य भास्कर मुनि जी ने मुनि कमलेश का अभिनंदन करते हुए कहा कि आपके परंपरा का अनंत उपकार हमारे ऊपर है आज हमारी संप्रदाय ने जितना विकास किया यह सब गुरुओं का पुण्य प्रताप है ।
उन्होंने पुरानी इतिहास की श्रमण संघ और अजरामर संप्रदाय कीसारी बातें ताजा कर दी जिनको सुनकर संत और समाज भाव विभौर हो गई । तपस्वी घनश्याम मुनि जी सेवाभावी कौशल मुनि जी, काविरत्न अक्षत मुनि जी सहित 10 संत और साध्वी जी का मधुर मिलन हुआ । मुनि कमलेश बिहार करके बोरीवली ईस्ट पधारे । 9 जुलाई को प्रातः 9:00 बजे गुजराती जैन स्थानक में प्रवचन होंगे मेवाड़ संघ के मंत्री शांतिलाल लोढा ने स्वागत किया ।