लुप्त हो रही डागलों की परंपरा

गुरु भक्त मंडल द्वारा जीवदया गतिविधि अंतर्गत पक्षियों के लिए 65 किलो अनाज और पानी के लिए जलपात्र रखे गए

खाचरौद। पुराने समय में शहर की हर प्रमुख चौराहों पर पक्षियों के लिए ऊंचे डागले बनाए जाते थे जहां आसपास के लोग पक्षियों के भोजन के लिए अनाज, धान और पानी रखते थे तथा घरों के निर्माण में भी पशु पक्षियों के लिए जगह का प्रबंध करते थे। परंतु आज के समय में पक्षियों के डागले लुप्त होते जा रहे है। उक्त चिंतनीय स्थित का सामना नगर के एक सामाजिक संगठन के युवाओं को हुआ जब वे पक्षियों के लिए दाना लेकर शहर में निकले।
खाचरौद के गुरु भक्त मंडल द्वारा जीवदया गतिविधि अंतर्गत पक्षियों के लिए 65 किलो अनाज और पानी के लिए जलपात्र रखे गए। संस्था के सदस्यों ने नगर के मोहल्ला खब्बावास, विक्रम मार्ग व गणेश देवली में स्थित पुराने पक्षी दागले तथा विवेकानंद वाटिका में जैन सोशल ग्रुप मैत्री के सहयोग से नवनिर्मित पक्षी ग्रह पर पहुंचकर बेजुबान पक्षियों की सेवा की।
इस अवसर पर संस्था के चिराग भटेवरा, अर्पित चौरड़िया, प्रतीक बुडावनवाला, प्रमीत खेमसरा, हर्षित चौरड़िया, मोहित जैन MR, अंकुर जैन, आदित्य बुपक्या उपस्थित थे।
गुरु भक्त मंडल अध्यक्ष हर्षित चौरड़िया ने बताया कि गुरु भक्त मंडल (GBM) युवाओं का एक संगठन है जो भगवान महावीर के करुणा और अहिंसा के सिद्धांतों से प्रेरित होकर जीवदया, मानवसेवा और संस्कार जागृति के कार्य दानदाताओं के सहयोग से वर्षभर नगर में संचालित करता है।