जैन दिवाकर जी महाराज के अनन्य गुरुभक्त सुरेन्द्र मारु इंदौर का रतलाम प्रवास संपन्न

श्री जैन दिवाकर गुरु कस्तूर मोहन पावन धाम, रतलाम पर दर्शन के पश्चात गुरु भक्त मोतीलाल बाफना से किया आत्मीय मिलन

रतलाम । गत दिवस जैन दिवाकर जी महाराज के अनन्य गुरु भक्त इंदौर निवासी सुरेन्द्र मारु, रतलाम प्रवास पर अपनी अस्वस्थता से उभर कर गुरु के स्मारक पर दर्शनार्थ श्री जैन दिवाकर गुरु कस्तूर मोहन पावन धाम, रतलाम पर दर्शन, वंदन कर आत्मीय आशीर्वाद लिया । तत्पश्चात जैन दिवाकर गुरुभक्त मोतीलाल बाफना रतलाम एवम सुरेन्द्र मारू इंदौर का आत्मीय मिलन रतलाम में हुआ। श्री बाफना जी के स्वास्थ्य की कुशलक्षेम पूछने पधारे श्री मारू के मध्य श्री जैन दिवाकर गुरु कस्तूर मोहन पावन धाम, रतलाम में हुए नए रंग रोगन के साथ अन्य कई विषय पर बातचीत हुई।
वर्ष 2022 में गुरुदेव का विशेषांक निकालने पर जो खुशी बाफना जी को हुई थी और उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह रहे थे उन पलों को दोनों भक्तो ने याद किया और पुनः जोश के साथ काम कर पाने की शक्ति गुरुदेव देवे ऐसी प्रार्थना की।
45 – 50 मिनिट की इस मुलाकात में श्री बाफना जी ने अपनी इच्छा दर्शाई कि गुरुदेव मुझे इतनी शक्ति देवे कि उनके द्वारा श्री भक्तांबर स्त्रोत के 48 पदों की व्याख्या के “दिवाकर दीप्ति” समाचार पत्र में प्रकाशन का जो बीड़ा उठाया है उसे वे पूरा कर पाएं। 42 वी गाथा के बाद कुछ माह से श्री बाफना जी का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होने से उसे आगे बढ़ाने में कुछ रुकावट आ गई। सजल नेत्रों और नए जोश के साथ दोनों गुरुभक्तों ने एक दूसरे से बिदा ली।