जावरा (अभय सुराणा )। जावरा में सोमवारिया स्थित दिगंबर जैन मांगलिक भवन में विराजित राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागरजी महाराज के शिष्य मुनिश्री 108 श्री पुकारसागरजी म. सा. मंगलवार को दोपहर 12:15 बजे समाधि को प्राप्त हुए l मुनिश्री 108 श्री पुकारसागरजी म. सा. की डोल लॉकडाउन नियमों के अधीन दोपहर 2:30 बजे निकाली गई जिसमें सीमित संख्या में समाजजनों की उपस्थिति रही l पुष्प योग समिति के प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया – ढोल को प्रथम कंधा देने का सौभाग्य नई दिल्ली निवासी उमेश कुमार व परिवार , द्वितीय कंधा देने का लाभ विजय ओरा एडवोकेट , तृतीय कंधा देने का लाभ हिम्मत कुमार , पारसमल व अनिल कुमार गंगवाल (बूंदी वाला) परिवार ने तथा चौथा कंधा देने का लाभ पूनमचंद औरा परिवार ने लिया l ढोल यात्रा सोमवारिया से उज्जैन -मंदसोर टू लेन होते हुए फोरलेन स्थित प्रस्तावित अहिंसा तीर्थ स्थल पहुंची जहां विधि विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ मुनिश्री के सांसारिक परिवारजन नईदिल्ली निवासी उमेशकुमार ,राजेंद्र कुमार , एवं दिनेश कुमार जैन ने मुखाग्नि दी l
ढोल यात्रा एवं समाधि कार्यक्रम में राष्ट्रसंत 108 श्री प्रमुखसागर जी महाराज के साथ मुनिमंडल एवं साध्वी मंडल के अलावा दिगंबर जैन समाज के श्रावक एवं श्राविकाएं व बच्चों की उपस्थिति रही l अहिंसा तीर्थ पर अंतिम क्रिया की लकड़ी जमाने की बोली पुष्प योग समिति के प्रवक्ता रितेश जैन , अभिषेक शांतिधारा की बोली का लाभ पुखराज सेठी परिवार एवं मुखाग्नि देने की बोली का लाभ नई दिल्ली निवासी उमेश कुमार राजेंद्र कुमार एवं दिनेश कुमार जैन ने ली l मुनि श्री पुकारसागरजी महाराज के सांसारिक परिवार जनों ने छत्री निर्माण के लिए ₹2 लाख देने की घोषणा की l इस अवसर पर श्री दिगंबर जैन समाज जावरा एवं अहिंसा तीर्थ ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं ट्रस्टी गण पवन पाटनी ,विजय औरा एडवोकेट, पुखराज सेठी, हिम्मत गंगवाल , दिलीप लुहाडिया , संजय गोधा ,नरेंद्र गोधा, अनिल काला ,राजकुमार औरा ,राजेश भाचावत ,पवन कलशघर, अंतिम कियावत , महावीर गंगवाल, जितेंद्र कोठारी , सुरेश अग्रवाल, अशोक कोठारी, तेज कुमार पाटनी, पंकज शाह, केसी जैन ,आगम पाटनी, हर्ष भाचावत ,महिम बारोड, यश कियावत, भ अखिल भारतीय रथा दिगंबर जैन समाज जावरा की श्रावक एवं श्राविकाओ ने नवकार मंत्र को उच्चारित करते हुए अंतिम विदाई दी l
पुष्य योग समिति के महामंत्री विजय ओरा एडवोकेट ने बताया कि मध्यप्रदेश के भिंड निवासी श्री अशर्फीलालजी जैन को सन 2013 में आचार्य श्री पुष्पदंतजी सागर महाराज साहब ने सुलभ दीक्षा प्रदान की l 2 वर्ष तक आचार्य श्री पुष्पदंत सागरजी महाराज के साथ रहकर कर्म उपासना व धार्मिक शिक्षा प्राप्त की तत्पश्चात सन 2015 से लगातार राष्ट्रसंत108 आचार्य श्री प्रमुखसागरजी महाराज के श्री संघ के सबसे वरिष्ठ दीक्षार्थी साधु रहे l 5 वर्षों में राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागर जी के सानिध्य में धर्म आराधना एवं तपस्या निरंतर करते रहें पिछले 1 सप्ताह पूर्व वे अस्वस्थ हुए तब राष्ट्रसंत श्री प्रमुख सागरजी महाराज ने उन्हें सल्लेखना प्रदान की और निरंतर प्रतिदिन के आहार में कई वस्तुओं का परित्याग कराते हुए सल्लेखना की और निरंतर अग्रसर किया l छुल्लक श्री 105 श्री पुकार सागरजी की हमेशा मुनि दीक्षा प्राप्त करने की अभिलाषा रही इसी क्रम में मंगलवार को प्रातः 11:30 बजे आचार्य श्री प्रमुखसागरजी महाराज ने मुनि दीक्षा प्रदान करते हुए उन्हें 108 श्री पुकार सागरजी महाराज नामकरण किया l दीक्षा के 30 मिनट पश्चात आपने दोपहर 12:30 बजे समाधि प्राप्त की l धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत होकर इनकी 3 नातिन छुल्लीका श्री प्रतिज्ञा श्रीजी , श्री परीक्षाश्रीजी , श्री प्रेक्षाश्रीजी राष्ट्रसंत आचार्य श्री प्रमुख सागरजी महाराज के साथ निरंतर धर्म मार्ग पर अग्रसर हैं l