जावरा । गुरु तो सूरज की वह धूप है जो जिंदगी में उमंग और उत्साह की भोर लाती है। गुरु चंदन की चांदनी है जो भीतर के अंधकार को दूर भागती है। गुरु तो वह सरोवर है जो अमीर गरीब का भेद कीये बिना सब की प्यास बुझाता है। और तरुवर की तरह निसवार्थ भाव से हर पथीक को प्रेम की छाया देता है। उक्त विचार श्री ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कांफ्रेंस के वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ने नासिक जैन महासंघ सिडको की विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहे। सुराणा ने कहा कि गुरु वही जो सत्य की राह दिखाएं गुरु कुंभकार की तरह नीचे से सहारा देता है ऊपर से चोट मारता है । जिसने भी इस मर्म को समझ लिया उसने अपने जीवन का बेड़ा पार कर लिया। आपनेआपने उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जब गुरु के शब्द सुनते हो तो कान खोल लेना जब गुरु पर विश्वास करना हो तो आंखें बंद कर लेना जब गुरु को अर्पण करना हो तो दिल खोल लेना जब गुरु का प्रवचन सुनना हो तो मुख बंद कर लेना और जब गुरु की सेवा करनी हो तो घड़ी बंद कर लेना। यह एक अच्छी शिष्य की पहचान होती है।
इस अवसर पर विराजित राजस्थान वीरांगना साध्वी जय श्री जी महाराज साहब मालव चंद्रिका राजश्री जी ने भी धर्म सभा को संबोधित किया। प्रारंभ में साध्वी श्री समीक्षाश्री जी ने अपने सुमधुर भजन से वातावरण को को धर्ममय बना दिया। इस अवसर पर स्थानीय श्री संघ द्वारा अभय सुराणा का शाल उड़ाकर माला पहनाकर सम्मान किया गया। साथ ही अ.भा. जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय महामंत्री अभय श्रीमाल का भी सम्मान किया गया। अ.भा. जैन दिवाकर विचार मंच का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी चार दिवसीय यात्रा पर महाराष्ट्र गया था जहां पर राष्ट्र संत श्री कमल मुनि कमलेश उपाध्याय श्री गौतम मुनि जी म.सा. साध्वी जयश्री जी महाराज साहब डॉ मधुबाला जी म.सा. साध्वी नव कीर्ति जी म.सा. आदि कई गुरु भगवंत एवं साघ्वी मंडल के दर्शनों का लाभ लिया। एवं धर्म सभा को संबोधित करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ।