झारखंड के मुख्यमंत्री का अति पवित्र तीर्थ पर बलि चढ़ाना असंवैधानिक और घृणास्पद कृत्य है- अभय सुराणा

जावरा (निप्र) । सम्मेद शिखरजी जैन धर्म का सर्वोच्च तीर्थ माना जाता है हमारे 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों की यह निर्वाण भूमि है ,और जैन समाज के इस अति पवित्र तीर्थ पर बलि चढ़ाना असंवैधानिक और घृणास्पद कृत्य है ।और वह भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया यह कृत्य अत्यंत ही पीड़ा दायक एवं निंदनीय है। उक्त विचार अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक एवं श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति के अध्यक्ष अभय सुराणा ने आज प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए व्यक्त किए । आपने आगे कहा कि हमारा चातुर्मास प्रारंभ हो गया है और ऐसा लगता कि यह कार्य जानबूझकर जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए ही किया गया है । इस घटना की न सिर्फ़ सकल जैन समाज वरन हर शाकाहारी व्यक्ति इस घटना की निंदा करता है ।भारत के प्रधानमंत्री के नाम अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच एवं श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति द्वारा अनुभाग्य अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम भेजें गए ज्ञापन में यह मांग की गई है कि मधुबन शहर एवं अन्य हमारे पवित्र स्थलों को शाकाहारी शहर घोषित किया जाए। भविष्य में ऐसी घटना की कहीं भी पुनरावृत्ति नहीं हो इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए। एवं झारखंड के मुख्यमंत्री को भी निर्देशित किया जाए। कार्यक्रम का संचालन संस्था के उपाध्यक्ष पुखराज पटवा ने किया आभार प्रदर्शन अशोक चोपड़ा ने किया। इस अवसर पर इनकी रही गरिमामय उपस्थिति
आनंदीलाल संघवी अभय सुराणाअभय श्रीमाल पुखराज पटवा सुजानमल कोचटा नेमीचंद जैन सरदारमल जैन पारस छाजेड़ अशोक चोपड़ा शांतिलाल रुनवाल, नवनीत श्रीमाल सुशील जैन कनेश मेहता शेखर नाहर अनिल चोपड़ा ऋषभ छाजेड़ प्रकाश बोथरा आदि उपस्थित थे।