तीर्थक्षेत्र की पवित्रता को लेकर राष्ट्रीय जैन सेना आक्रोशित

भुसावल । 20 तीर्थंकरों के मोक्ष भूमि,जैनों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी, मधुबन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में 19 जुलाई को चार पशुओं की बलि दी गई। इस घटना को लेकर देश भर का जैन समाज आक्रोशित है।
इसके विरोध में राष्ट्रीय जैन सेना द्वारा राष्ट्रीय प्रमुख लालित गांधी, एवं उप प्रमुख संदीप भंडारी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय जैन सेना, एवं सकल जैन समाज, द्वारा भुसावल शहर में प्रांताधिकारी साहब को ज्ञापन देकर संपूर्ण पारसनाथ पहाड़ क्षेत्र एवं मधुबन शहर, पशु हिंसा प्रतिबंधित शहर घोषित करने की मांग एवं मुख्यमंत्री पर उचित कार्यवाही की मांग की गई ।
राष्ट्रीय जैन सेना के शाखा अध्यक्ष चेतन हेमावत जैन, उपाध्यक्ष गजेंद्र रूइकर, सचिव सतीश गोसावी, सदस्य योगेश वास्कर, वरिष्ठ मार्गदर्शक अजय जैन, दी. जैन मंदिर ट्रस्टी बोर्ड के सचिव दीपक काठे, कैशियर रमेश अन्नदाते, एवं जैन समाज के अन्य मान्यवर उपस्थित थे ।
सम्मेद शिखरजी जैन धर्म का सर्वोच्च तीर्थ माना जाता है,जैन समाज अहिंसा के तत्वों पर चलता है, और जैनों के इस अतिपवित्र तीर्थ पर बलि चढ़ाना असंवैधानिक और घृणास्पद कृत्य है, और वो भी राज्य के मुखमंत्री द्वारा होना अत्यंत निंदनीय है।