इन्दौर। परमात्मा की वाणी से जो गुण अंगीकार करते है वह गुणवान बन जाते है अपने स्वार्थ के लिये गुणगान नहीं करें नर्क गती का बंध होता है परमात्मा ने कहा है कि साधना करते करते ही जीवन का कल्याण होगा। प्रवर्तक जी महाराज ने आगे कहा कि आचार्य मानतुंग जी महाराज द्वारा रचित भक्ताम्बर पाठ की साधना करों देखते-देखते जीवन बदल जायेगा। भक्ति, आस्था, समपर्ण के भाव जीवन में उतारों। सम्यक दृष्टि, सम्यक विचार से जो चिन्तन करते है वहीं सफल होते है।
महासाध्वी पुज्य विजया श्री जी महाराज ने अपने प्रवर्चन में कहा कि जीवन में बोलने की भी कला है। हम उस कला का उपयोग नहीं करते है जो बोलने में संयम नहीं रखते है वह भी पाप कि श्रेणी में आता है। परमात्मा कहते है कि बोल भी वचन है ओर जो वचन बोल दिये है उसका पालन करना ही हमारा धर्म होना चाहिये।
महावीर भवन में आयोजित आज की धर्म सभा में रमेश भंडारी, सुरेश देशलहरा, हेमन्त वोरा, अशोक मंडलिक, हनुमान प्रसाद पोरवाल, प्रकाश कोठारी, पुष्पा डागरिया, आजाद नारेलिया, राशि बोथरा आदि उपस्थित थे। संचालन प्रकाश भटेवरा ने किया एवं आभार रमेश भंडारी ने व्यक्त किया ।