संस्कृति से संस्कारों की रक्षा और चरित्र का निर्माण होता है- राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई भायंदर ओस्तवाल बगीची समता भवन 19 अगस्त 2024 ।पर्व आध्यात्मिक संस्कृति के प्राण हैं। आने वाली पीढ़ी में संस्कारों का बीजारोपण करते हैं। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि संस्कृति से संस्कारों की रक्षा होती है और चरित्र का निर्माण होता है।
उन्होंने कहा कि भावनात्मक रिश्ते राखी के दो कच्चे धागे में महान शक्ति होती है। जो धर्म जाति और संप्रदाय की दीवारों से ऊपर बादशाह हुमायूं ने कर्णावती रानी की रक्षा के लिए अपने आप को दांव पर लगा दिया। मुनि कमलेश ने बताया कि रक्षाबंधन सिर्फ भाई बहन का ही नहीं है रिश्तो के साथ ईमानदारी निभाना कर्तव्यों का पालन करना।
राष्ट्रसंत ने कहा कि आत्मा से दुर्गुणों की रक्षा देश से दुश्मनों की रक्षा और समाज में बुराइयों की मुक्ति दिलाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
जैन संत ने कहा कि हिंसा आतंकवाद बलात्कार रेप को रक्षा पर्यावरण भ्रष्टाचार पाश्चात्य संस्कृति के अंधानूकरण सामान्य परिवारों के लिए शिक्षा चिकित्सा और न्याय के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली राष्ट्रीय संरक्षक उमराव सिंह जी ओस्तवाल की अध्यक्षता में महिला शाखा ने आज रक्षाबंधन गोपालक सिक्योरिटी स्वच्छता कर्मचारी और स्थानक कर्मचारी को राष्ट्रीय महामंत्री डॉ आभा जैन पंजाब शाखा की महिला अध्यक्ष रेनू जैन झारखंड महिला शाखा अध्यक्ष मंजू जैन राजस्थान शाखा हेमलता जैन मुंबई शाखा से मधु ओस्तवाल के साथ बनाते हुए सभी परिवारों को मंच की ओर से साड़ी देखकर अभिनंदन किया गया।